नोटबंदी के फ़ैसले को सही ठहराते हुये केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कलाधन को ख़त्म करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी इन सभी प्रयासों को नज़रअंदाज़ करते हुए केवल विरोध करने में जुट गयी है।
गौरतलब है कि विपक्ष ने सरकार के नोटबन्दी फ़ैसले का विरोध करते हुए कहा था कि इससे कलाधन पर कोई लगाम नहीं लगने वाला, हां आम लोगों की मुश्किलें ज़रूर बढ़ गयी है।
सरकार पर ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बिना किसी तैयारी के ही फ़ैसला लागू कर दिया गया। इस आरोप के जवाब में वाणिज्य मंत्री ने कहा, 'अगर सरकार फ़ैसले को लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं थी तो बाज़ार में 500 और 2000 के नोट कैसे आ गए।'
सीतारमन ने आगे विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान कभी भी काले धन को रोकने के लिए SIT का गठन नहीं किया था, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे पहले SIT का गठन करते हुए कालेधन पर रोक लगाने की कोशिश की गयी है।'
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फ़ैसले का समर्थन करते हुए कहा, 'नोटबंदी के फ़ैसले ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। अब तक बैंक में कुल 4 लाख़ करोड़ सफ़ेदधन जमा हो चुका है। आतंकी गतिविधियों में प्रयोग किये जा रहे नक़ली नोटों का कारोबार भी बंद होता जा रहा है।'
आगे उन्होंने कहा, 'माओवाद और चरमपंथी विचारधारा के रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है और इसके परिणामस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था मज़बूत हो रही है।'
ज़ाहिर है कि नोटबंदी के फ़ैसले के बाद से सरकार और विपक्ष दोनों अपने अपने तरीके से जनता को साधने की कोशिश में जुटे हैं।