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लाखों फ्लैट खरीदारों के सपनों को ऐसे पूरा करेगी मोदी सरकार, जानिए मास्टर प्लान

सरकार के इस ऐलान के बाद इन अधूरे प्रोजेक्ट वाली कंपनियों को फंड मिलेगा जिसकी मदद से वो अपने लटके हुए प्रोजेक्‍ट्स को पूरा करेंगे और घर खरीदारों को जल्‍द पजेशन मिल सकेगा.

Updated on: 15 Sep 2019, 06:26 AM

highlights

  • सरकार ने रियल एस्‍टेट सेक्‍टर के लिए किया बड़ा ऐलान
  • दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों को मिलेगा बड़ा फायदा
  • निर्मला सीतारमण ECB गाइडलाइंस में भी करेगी सुधार

नई दिल्‍ली:

मौजूदा समय देश में आर्थिक मंदी के चलते रियल स्टेट के कारोबार में भी गिरावट देखने को मिल रही है. रियल स्टेट सेक्टर को गति देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई बड़े ऐलान किए हैं इस दौरान उन्होंने बताया कि रियल स्टेट के कारोबार को फिर से स्पीड देने के लिए सरकार उन्हें 10 हजार करोड़ रुपयों का फंड देगी जिसकी मदद से वो कई अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे जिनकी वो घोषणा कर चुके हैं. आपको बता दें कि इन प्रोजेक्ट्स का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है.

हालांकि वित्त मंत्रालय ने इसमें यह शर्ती भी रखी है कि वो प्रोजेक्ट नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानि एनपीए न हो. इसके अलावा सरकार ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी यह फंड देने से बचेगी जिनका मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के पास पहुंच गया हो. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इससे 3.5 लाख घरों के खरीददारों को फायदा मिलेगा. दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इंतजार कर रहे लाखों निवेशकों को सरकार के इस ऐलान से फायदा मिलने की उम्‍मीद है.

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दरअसल, सरकार के इस ऐलान के बाद इन अधूरे प्रोजेक्ट वाली कंपनियों को फंड मिलेगा जिसकी मदद से वो अपने लटके हुए प्रोजेक्‍ट्स को पूरा करेंगे और घर खरीदारों को जल्‍द पजेशन मिल सकेगा. इसके साथ ही घर खरीदने के लिए जरूरी फंड को स्पेशल विंडो बनाया जाएगा. इस विंडो के जरिए फ्लैट खीरददार को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा. यही नहीं, हाउस बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर कम की जाएगी. इसे 10 साल की यील्ड से जोड़ा जाएगा. इससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा घर खरीद को बढ़ावा मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे बताया कि अफोर्डेबेल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी. आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों के दौरान एक्सटर्नल कॉमर्शियल बोरोइंग यानि (ECB) भारतीय कंपनियों के लिए फंड इकट्ठा करने का एक नया जरिया बन कर उभरा है.

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