संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में प्रस्तुत किए जाने वाले एक पाकिस्तानी डोजियर के दस्तावेज मंगलवार को कुछ मीडिया आउटलेट्स पर दिखाई दिए. इसमें जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति के बारे में कथित तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला दिया गया है. दस्तावेज में राहुल गांधी का हवाला देते हुए लिखा है, "20 दिनों से जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगा हुआ है. जब हमने श्रीनगर जाने की कोशिश की तो देखा कि विपक्ष के नेताओं और प्रेस को क्रूर प्रशासन और कठोर बल का सामना करना पड़ रहा है."
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस दस्तावेज पर टिप्पणी करते हुए मुखर दिखीं. उन्होंने चेन्नई में राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके बयान भारत से ज्यादा पाकिस्तान की मदद करते हैं. दस्तावेज में उमर अब्दुल्ला के हवाले से भी कहा गया, "भारत सरकार के एकतरफा और चौंकाने वाले निर्णय के दूरगामी और खतरनाक परिणाम होंगे. यह कश्मीरियों के खिलाफ एक आक्रामकता है. निर्णय एकतरफा अवैध और असंवैधानिक है. झूठ से आगे एक लंबी और कठिन लड़ाई है और हम इसके लिए तैयार हैं." कथित दस्तावेज उसी दिन दिखाई दिया, जब पाकिस्तान ने इस मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए यूएनएचआरसी के मंच पर जम्मू एवं कश्मीर का मुद्दा उठाया.
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इसके पहले जिनेवा में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालिया विधायी उपायों के परिणाम स्वरूप प्रगतिशील नीतियां अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे नागरिकों के लिए पूरी तरह से लागू होंगी. इससे लिंग भेदभाव समाप्त होगा, किशोर अधिकारों की बेहतर रक्षा होगी और शिक्षा, सूचना और काम के अधिकार लागू होंगे. पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि 1 प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे आरोपों और मनगढ़ंत आरोपों की आपत्तिजनक बयानबाजी के साथ एक टिप्पणी की है. दुनिया को पता है कि यह मनगढ़ंत कथा वैश्विक आतंकवाद के उपरिकेंद्र से आती है, जहां वर्षों से रिंग लीडरों को शरण दी गई थी. दुनिया जानती है कि वहां वैश्विक आतंकवाद फलफूल रहा है और वहां के नेताओं ने आंतकियों और उनके संगठनों को आश्रय दे रहे हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो