वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के नागरिकता संशोधित कानून (CAA) पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में जनमत संग्रह कराने संबंधी बयान पर सवाल किया है. उन्होंने ममता बनर्जी से पूछा हैकि क्या उन्हें भारतीय संस्थानों पर भरोसा नहीं है?. निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक सवाल पर यह टिप्पणी की है.
निर्मला सीतारमण ने ममता बनर्जी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि किसी मुख्यमंत्री के पद आसीन व्यक्ति को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मैं पूरी तरह से उनके बयान की निंदा करती हूं. सीएम ममता बनर्जी का इस तरह का बयान गैर जिम्मेदाराना है. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने अपने अंदरुनी मामलों में कभी तीसरे पक्ष या किसी भी अंतरराष्ट्रीय संस्था का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया है. पूरे तरह से घरेलू मामले पर ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की बात की है. केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि क्या उन्हें भारतीय संस्थानों पर भरोसा नहीं है?.
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि नागरिकता अधिनियम एक ऐसा अधिनियम है जिसके माध्यम से उन लोगों को नागरिकता दी जाती है जो उत्पीड़न से बच गए थे. 70 साल से वे प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक ऐसा अधिनियम है जो उन्हें नागरिकता देगा ताकि वे गरिमा का जीवन जी सकें. इसका इस देश के मौजूदा नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मैं यह भी बताना चाहता हूं कि जब एनआरसी प्रक्रिया शुरू होगी, यह हितधारकों से परामर्श या लोगों से बात किए बिना शुरू नहीं होगी. मुझे यह बहुत आश्चर्यजनक लगता है कि जिम्मेदार राजनीतिक दल नागरिकता अधिनियम को ऐसी किसी चीज से जोड़ रहे हैं जो अभी तक शुरू नहीं हुई है.
ममता बनर्जी ने पिछले दिनों एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून पर संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन या किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्था की निगरानी में जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो