Nirbhaya Verdict: फांसी देते समय इशारों में होती है बात, जानिए क्या है वजह

इस जल्लाद परिवार में कई जल्लाद हुए हैं जिन्होंने कैदियों को फांसी देने का काम किया है इन्हीं में से एक जल्लाद पवन कुमार हैं जिन्हें निर्भया के दोषियों को फांसी देनी है.

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Ravindra Singh
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Nirbhaya Verdict: फांसी देते समय इशारों में होती है बात, जानिए क्या है वजह

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

साल 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप ने पूरे देश को हि‍ला कर रख दिया था. मंगलवार को निर्भया के दोषियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया, अब इन चारों दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे से पहले फांसी जाएगी. आपको बता दें कि 16 दिसंबर साल 2012 को दिल्ली की एक मेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में 6 लोगों ने गैंगरेप किया था. इन 6 आरोपियों में से 4 को अदालत ने डेथ वारंट जारी कर दिया है जबकि एक आरोपी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, वहीं छठा आरोपी नाबालिग होने की वजह से बच निकला और 3 साल सुधार गृह में बिताकर बच गया.

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आपको बता दें कि निर्भया के दोषियों को अगर न गिना जाए तो अब तक आजाद भारत में कुल 57 लोगों को ही फांसी की सजा हुई है. एक जल्लाद परिवार जिनका खानदानी काम फांसी देना है ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि देश में आखिरी फांसी याकूब मेमन को नागपुर सेंट्रल जेल में दी गई थी. इस जल्लाद परिवार में कई जल्लाद हुए हैं जिन्होंने कैदियों को फांसी देने का काम किया है इन्हीं में से एक जल्लाद पवन कुमार हैं जिन्हें निर्भया के दोषियों को फांसी देनी है. पवन कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि फांसी घर में फांसी से पहले कोई आवाज नहीं निकालता यहां तक कि बातचीत भी इशारों में की जाती है.

जब एक निजी चैनल के पत्रकार ने पवन कुमार से इस बारे में बात की गई तो फांसीघर के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि फांसी देते समय 4-5 सिपाही ही होते हैं जो सजायाफ्ता कैदी को फांसी के तख्थे पर खड़ा करते हैं वो भी उस समय कुछ नहीं बोलते हैं. सिपाही इशारों में एक-दूसरे से बात करते हैं. इस मूक बातचीत के लिए एक दिन पहले ही सिपाही जेल के अधिकारी के साथ मीटिंग कर लेते हैं इनके अलावा वहां पर एक डॉक्टर और डिप्टी जेलर भी मौजूद रहते हैं.

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जल्लाद पवन कुमार ने बताया कि, जब कैदी को फांसी दी जाती है उस समय भी वहां पर मौजूद लोग किसी से बातचीत नहीं करते हैं. जल्लाद पवन ने बताया कि ऐसा इसलिये किया जाता है कि कैदी कहीं किसी बात को लेकर डिस्टर्ब न हो जाए और फांसी से पहले कोई नया विवाद न खड़ा करदे और फांसी समय पर न पूरी हो पाए. इसलिए वहां मौजूद हर शख्स सबकुछ जानते हुए भी चुप रहते हैं.

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आपको बता दें कि दिल्ली में साल 2012 के निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी कर दिया. निर्भया गैंगरेप के इन चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे से पहले फांसी पर लटकाया जाएगा. इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. आपको बता दें कि इस बातचीत के दौरान मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. वहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्भया की मां और दोषी मुकेश की मां रो पड़ीं. आपको बता दें कि इस मामले में निर्भया केस से जुड़ा कोई भी केस अब दिल्ली की किसी कोर्ट में लंबित नहीं है.

Source : Ravindra Singh

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