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निर्भया गैंगरेप केस: कल तक के लिए फिर टली दोषियों को फांसी की मांग पर सुनवाई

इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी हुई थी जिसके बाद डेथ वारंट पर फैसला सुनाने के लिए अगली सुनवाई गुरुवार को तय की गई थी

Updated on: 13 Feb 2020, 03:12 PM

नई दिल्ली:

निर्भया गैंगरेप मामले में क़ानूनी राहत विकल्प खत्म कर चुके दोषियों की फांसी की मांग वाली केंद्र की अर्जी पर सुनवाई कल यानी शुक्रवार तक के लिए टल गई है. कोर्ट ने दोषियों को जवाब दायर के लिए शुक्रवार तक का वक्त दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने  पवन की पैरवी के लिए अंजना प्रकाश को एमिकस क्युरी नियुक्त किया है. दरअसल इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी हुई थी जिसके बाद डेथ वारंट पर फैसला सुनाने के लिए अगली सुनवाई गुरुवार को तय की गई थी . लेकिन अब दोबारा कोर्टने इसकी सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी है 

बुधवार को भी दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई की गई. इस पर याचिका निर्भया की मां ने दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि दोषियों को आखिरी सांस तक अपने सभी कानूनी विकल्प अपनाने का अधिकार है. कोर्ट ने दोषी पवन के पिता को भी वकील न होने का हवाला देकर मामला लटकाने पर फटकार लगाई. सरकारी वकील इरफान अहमद ने बताया कि हमने सभी दोषियों को नोटिस जारी किए थे, पर वकील एपी सिंह ने पवन की ओर से ये कहते हुए नोटिस स्वीकारने से इंकार कर दिया कि वो पवन की पैरवी अब नहीं कर रहे हैं. दोषी पवन के पिता ने लिखित में बताया है कि वो दूसरा प्राइवेट वकील करेंगे.

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सरकारी वकील इरफान अहमद ने कहा कि पवन ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन दया याचिका खारिज होने के बाद दायर इस याचिका को क़ानूनी राहत के विकल्प नहीं माना जा सकता. इसकी पेंडिंग का हवाला देकर डेथ वारंट जारी करने से नहीं रोका जा सकता. एपी सिंह द्वारा अब पवन की पैरवी न करने पर कोर्ट ने पवन के पिता से कहा कि हम आपको वकील उपलब्ध कराएंगे, जो आपकी पैरवी करेंगे. लेकिन पवन के पिता ने क़ानूनी सहायता से लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वो ख़ुद का वकील करेंगे. कोर्ट की सख्त शब्दों में हिदायत दी कि आप इस अर्जेंट मामले में वकील न रहने का हवाला देकर नहीं लटका सकते.

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इसके पहले बुधवार को निर्भया गैंगरेप केस मामले की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में मौजूद निर्भया के माता पिता जज के सामने भावुक हो गए. निर्भया की मां ने कोर्ट में कहा कि मैं भी एक मां हूं. इंसाफ के लिए सात साल से इंतजार कर रही हूं. मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूं, मैं एक साल से कोशिश कर रही हूं कि दोषियों को फांसी पर चढ़ाने की तारीख तय की जाए. जज ने उन्हें आश्वस्त किया कि आपको सुनने के लिए ही तो कोर्ट लगी है. हम आपको सुन रहे हैं. वही दूसरी ओर निर्भया के पिता ने जज से कहा कि अगर आज दोषियों को वकील दिया जाता है तो यह निर्भया के साथ अन्याय होगा. इस पर जज ने कहा कि कानून ने दोषियों को भी कुछ अधिकार दे रखे हैं. उन्हें वे अधिकार एक्सरसाइज ना करने देना भी अन्याय होगा.