निर्भया मामले में मौत की सज़ा पाए चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी. इस बीच एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से एक असामान्य व अजीबोगरीब मांग की है. दिल्ली स्थित एक एनजीओ परी ने मांग की है कि चारों दोषियों की फांसी का सीधा प्रसारण किया जाए. महिला अधिकार कार्यकर्ता और परी की संस्थापक योगिता भयाना ने इस संबंध में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखा है.
यह भी पढ़ेंः निर्भया कांड में 'डेथ-वारंट' की खबर सुनते ही कम हो गया था विनय का 'शुगर' लेबल
भयाना ने कहा कि दोषियों को फांसी देना भारत में महिला सुरक्षा पर वैश्विक चिंताओं को दूर करने का सही अवसर प्रदान करता है. उन्होंने मंत्री से निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के लाइव प्रसारण के लिए स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को अनुमति देने का आग्रह किया है.
उधर, दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में मौत की सजा का इंतजार कर रहे चार दोषियों को अंगदान के लिए मनाने के वास्ते उनसे मिलने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने याचिका को 'विचार योग्य न पाते हुए' खारिज कर दिया. न्यायाधीश ने कहा कि उनका मत है कि आवेदक को दोषियों से मिलने का कोई अधिकार नहीं है और जेल अधिकारियों को बैठक कराने का निर्देश नहीं दिया जा सकता.
यह भी पढ़ेंः एयरफोर्स के विंग कमांडर ने गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल को किया फोन, आगे हुआ कुछ ऐसा
बता दें कि राजधानी दिल्ली में निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 को बेरहमी से दुष्कर्म किया गया, जिसके कई दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी. अदालत ने 7 जनवरी को चारों दोषियों-मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह के खिलाफ मृत्यु वारंट जारी करते हुए उन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है.
Source : IANS