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फांसी से डरा निर्भया का दोषी विनय, दिल्ली के उपराज्यपाल के पास लगाई अर्जी

विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास अर्जी लगाई है. एपी सिंह ने उपराज्यापल से विनय की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है.

Updated on: 20 Mar 2020, 03:46 AM

दिल्ली:

निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gang Rape) के गुनहगार फांसी से बचने के लिए लगातार जुगत भिड़ा रहे हैं. दोषी विनय शर्मा ने फांसी की सजा से बचने के लिए एक और दांव खेला है. विनय शर्मा (Vinay sharama) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास अर्जी लगाई है. एपी सिंह ने उपराज्यापल से विनय की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है.

विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने सेक्शन 432 और 433 के तहत पिटीशन फाइल की है और फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है. बता दें कि निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी की सजा देने के लिए 20 मार्च की तारीख मुकर्र की गई है. लेकिन इस तारीख को बढ़ाने के लिए चारों गुनहगार लगातार कोशिश कर रहे हैं.

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मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की

निर्भया के गुनहगारों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने अपने पुराने वकील पर आरोप मढ़ते सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मुकेश (Mukesh) का कहना है कि उसे यह नहीं बताया गया था कि क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने के लिए तीन साल तक का वक्त होता है. उनके वकील ने उन्हें गुमराह किया है. मुकेश ने मांग की है कि तमाम कार्रवाई को रद्द की जाए और फिर से क्यूरेटिव पिटिशन और अन्य कानूनी उपचार के इस्तेमाल की इजाजत दी जाए. इस बार मुकेश ने अपने वकील एमएल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में याचिका दायर की है. पहले मुकेश की तरफ से रेबेका जॉन केस लड़ रही थीं

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20 मार्च को होनी है फांसी

दिल्ली की एक अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने निर्देश दिया है कि मुकेश कुमार सिंह (32),पवन गुप्ता(25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाया जाए. दोषियों को यहां तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी दी जानी है.

गौरतलब है कि निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहाँ उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.