निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की क्यूरेटिव पिटीशन
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है.
नई दिल्ली:
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी को सुबह 7 बजे सभी दोषियों को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था. डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा. इसके लिए 22 जनवरी बुधवार को सुबह 7 बजे का समय तय किया गया है. दोषियों के वकील एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की बात कही थी. निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि मैं अदालत के फैसले से खुश हूं. दोषियों को 22 जनवरी को 7 बजे फांसी दी जाएगी. इस फैसले से ऐसे अपराध करने वालों लोगों में डर पैदा होगा.
2012 Delhi gangrape and murder case: One of the convicts, Vinay Kumar Sharma has filed a curative petition before the Supreme Court. A Delhi Court had issued a death warrant against all four convicts on January 7 and they are scheduled to be executed on January 22 at 7 am pic.twitter.com/Sb2fGXRDId
— ANI (@ANI) January 9, 2020
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पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायाधीश ने 9 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चारों दोषियों से बात की. सुनवाई के दौरान दोषी मुकेश की मां कोर्ट में ही रो पड़ीं. मुकेश की मां ने निर्भया की मां से कहा, आप भी मां हो, मैं भी मां हूं, मेरे बेटे को माफ कर दो. इस पर जज और वकीलों ने उन्हें रोका था.
निर्भया केस में चारों दोषियों विनय, मुकेश, अक्षय, पवन और मुकेश पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन डेथ वारंट पर ऐलान होना बाकी था. निर्भया गैंगरेप मामले में अब कोई भी केस दिल्ली की किसी भी अदालत में लंबित नहीं है.
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इस मामले में पिछले एक माह में तकरीबन 3 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज की हैं. सुप्रीम कोर्ट एक दोषी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर चुका है, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने एक और दोषी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने खुद को जुवेनाइल होने का दावा किया था. उस आरोपी ने खद को अपराध के समय नाबालिग बताकर मामले की सुनवाई जेजे एक्ट के तहत करने की गुहार लगाई थी.
क्या है क्यूरेटिव पिटीशन (What is Curative Petition?)
किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज हो जाने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया जाता है. क्यूरेटिव पिटीशन ही दोषी के पास अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए तय सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है. क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं.
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