Nirbhaya Case Highlights : चारो दोषियों को फांसी घर ले जाया जा चुका है
Nirbhaya Case Live: निर्भया के दोषियों ने आखिरी समय में फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. निर्भया केस (Nirbhaya Case) का ड्रामा अभी रात को और खिंच सकता है. दोषी पवन (Pawan) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
नई दिल्ली:
निर्भया के दोषियों ने आखिरी समय में फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. निर्भया केस (Nirbhaya Case) का ड्रामा अभी रात को और खिंच सकता है. दोषी पवन (Pawan) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट ने अर्जी पेंडिंग रहने के बावजूद डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई है. अब पवन की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी दाखिल होने की प्रकिया में है. निर्भया के माता-पिता अभी हाई कोर्ट में मौजूद है. अभी तक अभी जज का इतंज़ार हो रहा है.
निर्भया के माता पिता के घर के पड़ोस की महिलाएं, उनके स्वागत के लिए नीचे पहुंची हैं. जो इस पूरे संघर्ष में उनके साथ रही हैं.
दोषियों को जल्लाद के हवाले सौंप दिया जाएगा. जल्लाद सबसे पहले कैदी के दोनों पैर कस कर बांध देंगे. फिर कैदी के गले मे फांसी का फंदा पहनाया जाएगा. सुपरिंटेंडेंट चेक करेंगे कि फांसी के फंदे की गांठ सही जगह पर लगाई गई है या नहीं. कैदी को पकड़कर खड़े दोनों वार्डर को हटा दिया जाएगा. जल्लाद सुपरिंटेंडेंट के इशारे का इंतजार करेगा, ताकि फांसी को पूरा कर सके. सुपरिंटेंडेंट इशारा करेंगे, जिसके बाद जल्लाद दबाएगा और दोषी फांसी पर झूल जाएगा. आधे घन्टे तक दोषियो के शव फांसी पर लटके रहेंगे.
तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा है. जिसके बाद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
बेंच के सामने एपी सिंह ने कहा है कि अक्षय के 8 साल के बच्चे को उसके पिता से मिलने दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की. अब एपी सिंह व्यक्तिगत तौर पर तुषार मेहता से इसके लिए आग्रह कर रहे हैं. SG ने कहा कि यह जेल के नियमों के हिसाब से नहीं है. साथ ही ऐसी घड़ी में मुलाकात बच्चे और पिता दोनों के लिए ही दुखद होगा.
तिहाड़ जेल मैन्युअल के हिसाब से कुछ देर बाद सभी कैदियों को आज समय से पहले नाश्ते के लिए बोला जाएगा. उससे पहले इन सभी को नित्य क्रिया की तैयारी करवाई जा रही है जिसमें नहाने से लेकर फांसी के पहले कपड़े पहनाए जाने हैं.
पवन गुप्ता की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को बचाने के लिए दायर की गई एपी सिंह की याचिका खारिज कर दी है. अब तय है कि निर्भया के बलात्कारी और हत्यारे 5:30 बजे फांसी पर लटका दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो दलीलें रखी गईं वो उस दायरे में नही आती. जेल में टॉर्चर की दलील यहाँ पर सुनवाई के लायक नहीं. राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ अर्जी में इसका विचार नहीं हुआ.
जस्टिस भानुमति ने कहा कि हम फिर दोहराना चाहते हैं कि दया याचिका खारिज करने के फैसले की न्यायिक समीक्षा का दायरा बहुत सीमित है.
जस्टिस भानुमति ने कहा कि दोषियों के वकील ने पवन के जुवेनाइल होने का भी दावा किया. हमें नाबालिग होने के दावे में कोई मेरिट नज़र नहीं आती. जुवेनाइल बोर्ड भी इस पर विचार कर चुका है. ट्रायल कोर्ट ने भी खारिज किया. फिर HC ने खारिज की. फिर SC ने इसके खिलाफ SLP खारिज की. हम जुवेनाइल के दावे पर विस्तार से सुनवाई कर पहले ही खारिज कर चुके है. हमने बड़े गौर से सुनकर खारिज किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी राय है कि दया याचिका खारिज करने के फैसले की न्यायिक समीक्षा का दायरा बहुत सीमित है.
इन वकील का कहना है कि दोषियों को मिले संवैधानिक राहत के विकल्प का सही इस्तेमाल नहीं हुआ.
जस्टिस भानुमति ने सॉलिसिटर जनरल से कहा हम आपकी मौजूदगी को रिकॉर्ड पर लेंगे और आदेश पास कर देंगे. आपको जिरह करने की ज़रूरत नहीं.
SG तुषार मेहता ने कहा - मैं भी अपनी बात रखूं? जिस पर कोर्ट ने कहा कि इसकी ज़रूरत ही नहीं है.
तिहाड़ जेल नंबर 3 में जहां फांसी होनी है वहां पर जेल के उस स्टाफ ने पहुंचना शुरू कर दिया है जिनकी मौजूदगी में फांसी होनी है. हालांकि स्थानीय DM और DG एक साथ कुछ देर बाद वहां पहुँचेंगे. लेकिन दूसरे कर्मचारियों और अधिकारियों की टीम अलर्ट होकर जेल मैन्युअल के हिसाब से तैयारियां शुरू कर रही हैं.
जस्टिस भानुमति ने टिप्पणी की है कि हम आदेश पास करने जा रहे है. आपकी दलील विचार योग्य नहीं है.
एपी सिंह ने कहा फर्ज कीजिए - अगर सज़ा में रियायत को लेकर मेरी अर्जी LG ने स्वीकार कर ली. तो इस स्वीकार का क्या मतलब रह जायेगा. जब उससे पहले मेरे मुवक्किल को फांसी पर चढ़ा दिया जाएगा.
एपी सिंह ने कोर्ट में कहा मेरे मुवक्किल की सज़ा में रियायत की मांग वाली अर्जी LG के सामने भी पेंडिंग है.
कोर्ट ने ध्यान दिलाया यही दलील आज ही दिन में आप अक्षय की अर्जी पर सुनवाई के दौरान रख रहे थे.
जस्टिस भानुमति ने कहा कि ये सही है कि नाबालिग होने का दावा केस में किसी भी स्टेज पर उठाया जा सकता है. लेकिन इसे बार-बार नहीं दोहराया जा सकता.
जस्टिस भानुमति ने कहा आप इन सब बातों को तब उठा चुके हैं, जब हम SLP पर सुनवाई कर रहे थे. फिर से उन्हीं बातो को दोहराने का कोई तुक नहीं.
एपी सिंह ने कहा पवन की पुलिसकर्मियों ने मंडोली जेल में रहते पिटाई की. उनके सिर पर टांके आये. पवन का बयान दर्ज होना है. वह इस केस में पीड़ित है.
सिंह ने आगे कहा कि ये कैसा मानवधिकार है. जेल में कैदी पर हमला होता है और उसका बयान भी दर्ज ना हो.
एपी सिंह ने कहा उम्र की पुष्टि वाले दस्तावेजों का पुलिस वेरिफिकेशन होने के बावजूद पुलिस ने इन दस्तावेजों को छुपाया. कोर्ट ने टोंकते हुए कहा आप सिर्फ उन तथ्यों का जिक्र करें जिनके आधार पर आप राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दे रहे हैं.
जस्टिस भूषण ने एपी सिंह से कहा इन सब बातों को आप दोहरा चुके हैं. अब फिर से इन्हें रखने का क्या औचित्य.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एतराज जाहिर किया. कहा - यहां पवन ने दया याचिका खारिज किये जाने के राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी है. अब फिर से नाबालिग वाली दलील का कोई औचित्य नहीं.
जस्टिस अशोक भूषण ने सवाल किया आप पुरानी बातें कह रहे हैं. जुवेनाइल वाली दलील निचली अदालत से लेकर SC खारिज कर चुका है. आप फिर से रिव्यु चाहते हैं. इंसाफ का तकाज़ा ये नहीं कि आप जब चाहे, तब केस को रीओपन कर दें.
एपी सिंह ने पवन के नाबालिग के दावा होने वाला स्कूल सर्टिफिकेट से जुड़े दस्तावेज पेश किया.
एपी सिंह ने कहा कोरना वायरस के खतरे के चलते मैं डॉक्यूमेंट फोटोस्टेट नहीं करा पाया. बड़ी मुश्किल से ये पिटीशन अभी रात में फ़ाइल की है.
एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा ये केस निर्भया केस है ही नहीं. इस मामले में लड़की का नाम निर्भया था ही नहीं. इस बात पर जज ने एपी सिंह को टोकते हुए कहा हम जानते हैं.
निर्भया के चारों दोषियों ने शाम 5:30 बजे रोटी दाल सब्जी सामान्य दिनों की तरह ही खाई थी. अभी उन्हें पिटीशन खारिज होने की जानकारी मिल गई है तो बेचैनी से अपने वार्ड में टहल कदमी कर रहे हैं.
जेल सूत्रों का कहना है की जेल में शाम 5:30 बजे डिनर सर्व किया गया तो पवन को छोड़कर बाकी का व्यवहार सामान्य था. सभी ने एक दो रोटियां खाई.
इस समय चारों बेचैन हैं. आज की रात सो पाएंगे, ऐसा लगता नहीं है. क्लोज सीसीटीवी कैमरों से पल पल नजर रखी जा रही है और सुरक्षाकर्मी भी शैडो की तरह साथ हैं.
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्हें जैसे ही हाईकोर्ट से आदेश की कॉपी मिलेगी वह तुरंत सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
दोषियों के वकील एपी सिंह हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकते हैं.
कोर्ट ने कहा -आप ऐसे बहस कर रहे हैं जैसे मामला पहली बार अदालत आया हो. आखिरी वक्त आ चुका है. अब सिर्फ ज़रूरी बात रखिए. वर्ना ऐसे तो सुनवाई साढ़े पांच बजे के बाद भी होती रहेगी.
शम्स ख्वाजा ने दिसंबर 2019 की मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति पहले ही मीडिया को बयान कर कहा था कि रेपिस्ट किसी माफी के हकदार नहीं. वो पहले ही अपना मन बना चुके थे.
वकील शम्स ख्वाजा ने कहा- राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते हुए सभी तथ्यों पर गौर नहीं किया.
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा- HC भी इसलिय अहमियत दे रहा है क्योंकि ये चार लोगों की ज़िंदगी का मसला है. और हम भी इंसानी ज़िन्दगी की अहमियत समझते हैं. लेकिन दूसरे पक्ष को कोई तो गम्भीर बात कहनी चाहिए.
एपी सिंह ने फिर पवन के नाबालिग होने का दावा किया. कहा- स्कूल सर्टिफिकेट देखिए. तय हो जाएगा कि वो बालिग है या नहीं. कोर्ट ने फिर दोहराया - इस दलील को भी SC खारिज कर चुका है.
एपी सिंह ने कहा-लेकिन ये किसी की ज़िंदगी का सवाल है. जल्दबाजी में किया न्याय. इंसाफ तो नहीं हो सकता. आप 1-2दिन के लिए सुनवाई टाल दीजिए.
जज ने कहा ये चौथा डेथ वारंट है. इसकी कोई तो अहमियत होनी चाहिए.
जज ने कहा - जिन चीजों पर SC फैसला दे चुका है. उनका हम रिव्यु नहीं कर सकते. कोई नई बात हो तो कहिए.
एपी सिंह ने कोर्ट में बार-बार पुरानी दलीलों को दोहराया. उन्होंने कहा कि दो हफ्ते का वक्त दे दीजिए. सारे महत्वपूर्ण दस्तावेजो की फोटोकॉपी मैं जमा करा दूंगा. आज मुझे वक्त नहीं मिल पाया. जस्टिस मनमोहन ने कहा - हम आपको यूँ सिस्टम से खेलने की इजाजत नहीं दे सकते. पिछले ढाई साल से आप क्या कर रहे थे.
एपी सिंह ने कहा- कोरोना वायरस की वजह से में बहुत असहाय महसूस कर रहा हूँ. मैं महत्वपूर्ण दस्तावेजो की फोटोकॉपी नहीं करवा पाया. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कोरना वॉयरस को इन्होंने एक वजह फांसी की सज़ा पर रोक लगाने के कारण में भी गिनाई है.
हाईकोर्ट के जज ने कहा आप समझने की कोशिश कीजिए. सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्य हैं तो ही रखिए. आपके मुवक्किल की ईश्वर से मुलाकात होने में अब ज़्यादा वक़्त नहीं बचा.
जस्टिस मनमोहन - हम आपकी सहायता नहीं कर पाएंगे. अगर आप ऐन वक्त पर ऐसी निर्रथक बातें करेंगे. आपके पास सिर्फ पांच-6 घन्टे का वक़्त है. अगर कोई ज़रूरी बात है, तो उसे कहिए.
एपी सिंह - इस मामले में जिस गवाह की गवाही (लड़की का दोस्त) को आधार बनाया गया है. वो खुद विश्वनीय नहीं है. अजित अंजुम के ट्वीट के हवाला देते हुए कहा उसने पैसे लेकर इंटरव्यू दिए. लेकिन मीडिया ने इसलिए ये सब उजागर नहीं किया क्योकि उन्हें सच सामने आने पर ट्रायल प्रभावित होने का अंदेशा था.
एपी सिंह ने कोर्ट में हवाला दिया- अभी भी याचिका लम्बित है. पवन गुप्ता ने कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंडोली जेल में पुलिसकर्मियों की पिटाई को लेकर याचिका दायर की है. कौर्ट ने उस पर ATR मांगी है. उसके शरीर पर 14 टांके आये हैं. ठीक है, वो फांसी की सज़ा पाया शख्स है, पर इस मामले में वो पीड़ित है. ये नाइंसाफी होगी, अगर इस मामले में बिना इंसाफ किये फांसी पर लटका दिया जाए. उसे आरोपी पुलिस कर्मियों की शिनाख्त करने दें.
कोर्ट ने ऐतराज जाहिर किया. कहा - चुनाव आयोग का यहां कोई लेना देना नहीं है. आपके सारे विकल्प खत्म हो चुके हैं. आपका केस अंतिम पड़ाव को पार कर चुका है. अब हम फिर से आपके केस को रिव्यु नहीं करने जा रहे. हम डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाने जा रहे.
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा याचिका सुनवाई लायक नहीं. सारे कानूनी राहत के विकल्प खत्म चुके हैं.
कोर्ट ने अभी दोषियों के वकील से उनकी याचिका दायर करने की तारीख और बाकी जानकारी की मांग की है.
तिहाड़ जेल की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा - हमें तो इस बात की भी जानकारी नहीं है कि याचिकाकर्ता कौन है? याचिका में सिर्फ लिख दिया गया है- पवन और बाकी लोगो की ओर से?
कोर्ट ने सवाल किया - ये कैसी याचिका है? इसमे कोई डेट की लिस्ट नहीं है. पक्षकार किसे बनाया गया है. उसका कोई ब्यौरा नहीं है. आपको ऐसी याचिका दाखिल करने की इजाजत कैसे मिल गई.
वकील एपी सिंह ने कहा - ट्रायल कोर्ट ने हमारी याचिका पेंडिंग रहते हुए भी डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई.
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