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निर्भया के दोषियों ने पटियाला हाउस कोर्ट में डाली एक और याचिका, तिहाड़ जेल प्रशासन पर लगाए आरोप

निर्भया केस में दोषियों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को एक और याचिका दायर कर दी. याचिका में तिहाड़ जेल प्रशासन पर आरोप लगाए गए हैं कि दोषियों के व्‍यवहार को लेकर दस्‍तावेज मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं.

Updated on: 24 Jan 2020, 01:24 PM

नई दिल्‍ली:

निर्भया केस में दोषियों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को एक और याचिका दायर कर दी. याचिका में तिहाड़ जेल प्रशासन पर आरोप लगाए गए हैं कि दोषियों के व्‍यवहार को लेकर दस्‍तावेज मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं. उन्‍हीं दस्‍तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर करनी है. दूसरी ओर, दोषी पवन, विनय और अक्षय की ओर से दया याचिका लगाना चाहते हैं. याचिका में कहा गया है कि तिहाड़ जेल की ओर से दस्‍तावेज मुहैया नहीं कराए जाने से याचिका दायर करने में देरी हो रही है. बताया जा रहा है कि शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है.

दोषियों के वकील एपी सिंह के अनुसार, उन्होंने जेल प्रशासन ने तीनों दोषियों के अच्छे व्यवहार से जुड़ी जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट दोषियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए फांसी की सजा उम्र कैद में तब्दील कर देगी. एपी सिंह का यह भी कहना है कि उन्हें जेल नंबर तीन में बंद मुवक्किलों से मिलने में खासी दिक्कत हो रही है. उन्होंने बताया कि क्यूरेटिव पिटीशन में नए तथ्यों को सामने रखना होता है. इसलिए हमने जेल प्रशासन ने दोषियों की ओर से किए गए अच्छे व्यवहार की जानकारी मांगी है.

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एपी सिंह ने यह भी दावा किया कि जेल में रहते हुए विनय ने अच्छे काम किए हैं. उसने एक तनावग्रस्त कैदी को खुदकुशी करने से बचाया था. साथ ही उसने कई अच्छी पेंटिंग भी की है. वह ब्लड डोनेशन कैंप में भी शामिल रहा है. अक्षय भी जेल में होने वाले सुधार कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता रहा है.

इससे पहले तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा था, "अदालत से डेथ-वारंट जारी होने के बाद जो कानूनी प्रक्रिया अमल में लानी चाहिए हम वो सब अपना रहे हैं. इसी के तहत चारों मुजरिमों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी अंतिम इच्छा भी कुछ दिन पहले पूछी थी. अभी तक चार में से किसी ने भी कोई जबाब नहीं दिया है."

संदीप गोयल ने यह भी कहा, "जेल प्रशासन ने चारों मुजरिमों से पूछा था कि डेथ-वारंट अमल में लाए जाने से पहले वे किससे किस दिन किस वक्त जेल में मिलना चाहेंगे? संबंधित के नाम, पते और संपर्क-नंबर यदि कोई हो तो लिखित में जेल प्रशासन को सूचित कर दें. ताकि वक्त रहते अंतिम मिलाई कराने वालों को जेल तक लाने का समुचित इंतजाम किया जा सके."

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उन्‍होंने कहा, "नियमानुसार दूसरी बात यह पूछी गयी थी चारों से कि क्या उन्हें अपनी कोई चल-अचल संपत्ति अपने किसी रिश्तेदार, विश्वासपात्र के नाम करनी है? अगर ऐसा है तो संबंधित शख्स/रिश्तेदार का नाम पता भी जेल प्रशासन को उपलब्ध करा दें. गुरुवार तक चार में से किसी भी मुजरिम ने फिलहाल दोनों ही सवालों का जबाब नहीं दिया है. जैसे ही उनका जबाब मिलेगा, जेल प्रशासन उसी हिसाब से इंतजाम शुरू कर देगा."