निर्भया केस: दया याचिका खारिज करने के राष्‍ट्रपति के फैसले के खिलाफ विनय की याचिका पर फैसला आज

कोर्ट ने इस मामले पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद आज दोपहर 2 बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा.

कोर्ट ने इस मामले पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद आज दोपहर 2 बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा.

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Aditi Sharma
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निर्भया केस( Photo Credit : फाइल फोटो)

निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी विनय की राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनीाएगा. कोर्ट ने इस मामले पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद आज दोपहर 2 बजे इस पर फैसला सुनाया जाएगा.

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इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान दोषी के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि ऑफिसियल फ़ाइल पर एलजी, दिल्ली के गृह मंत्री के हस्ताक्षर तक नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे भी दया याचिका खारिज होने की जानकारी वाट्सएप्प से मिली. हालांकि कोर्ट ने वकील एपी सिंह की ऑफिसियल डॉक्यूमेंट या फाइल देखने की मांग ठुकरा दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने फ़ाइल देखी है. दया याचिका खारिज करने की सिफारिश पर एलजी , गृह मंत्री, दिल्ली सरकार के हस्ताक्षर हैं.

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इसके बाद एपी सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा विनय की मेडिकल रिपोर्ट भी राष्ट्रपति के सामने नहीं रखी. उसकी अपराध में बाकी दोषियों के मुकाबले कम भूमिका की जानकारी को भी राष्ट्रपति के सामने नहीं रखा गया. उसकी खस्ता आर्थिक हालत से जुड़ी जानकारी भी राष्ट्रपति के सामने नहीं रखी गई. मुझे विनय से जुड़े दस्तावेज बार बार अनुरोध के बावजूद नहीं मिले.

इस पर कोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को हिदायत देते हुए कहा कि रिव्यु पिटीशन का दायरा सीमित है. आप इधर उधर दलील रखने की बजाए सिर्फ अपनी पेपरबुक के मुताबिक दलीले रखें.

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वहीं दूसरी तरफ फांसी से बचने के लिए निर्भया के गुनाहगार विनय ने मानसिक स्थिति खराब होने का नया पैंतरा खेला. विनय के वकील एपी सिंह ने कहा कि उसकी मानसिक हालात ठीक नहीं है. विनय डिप्रेशन और अनिद्रा का शिकार हैं. उसका इलाज चल रहा है. जेल में उस पर हमला हुआ है. कोर्ट तिहाड़ जेल से विनय का मेडिकल रिकॉर्ड मंगवाए. बता दें, शतुघ्न चौहान जजमेंट, संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के मुताबिक मानसिक बीमारी, विक्षिप्तता की स्थिति में किसी दोषी को फांसी की सज़ा नहीं दी जा सकती.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court president-kovind Nirbhaya Case Supreme Court order
      
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