Advertisment

निर्भया केसः राष्ट्रपति का बड़ा बयान, POCSO एक्ट के दोषियों को दया याचिका का हक नहीं

निर्भया रेप कांड (Nirbhaya rape case) के दोषियों को जल्द फांसी की सज़ा मिल सकती है. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेज दी है. जिसमें मंत्रालय ने खारिज करने की सिफारिश की है.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
निर्भया केसः राष्ट्रपति का बड़ा बयान, POCSO एक्ट के दोषियों को दया याचिका का हक नहीं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

निर्भया रेप कांड (Nirbhaya rape case) के दोषियों को जल्द फांसी की सज़ा मिल सकती है. गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेज दी है. जिसमें मंत्रालय ने खारिज करने की सिफारिश की है. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के आरोपियों को दया याचिका का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि दया याचिका पर संसद पुनर्विचार करे कि किन मामलों में दया याचिका दी जा सकती है. इससे साथ माना जा रहा है कि इस मामले में राष्ट्रपति की ओर से आरोपियों को राहत मिलने के आसार नहीं हैं.

साजाजिक बदलाव के लिए महिला सशक्तीकरण जरूरी
राष्ट्रपति माउंट आबू में ब्रह्मकुमारीज के हैडक्वार्टर में महिला सशक्तिकरण पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर अभिभावक की यह जिम्मेदारी है कि वह लड़कों को महिलाओं की इज्जत करना सिखाएं.

यह भी पढ़ेंः फिरोजाबाद रेपः गैंगरेप का फर्जी मुकदमा लिखाने पर युवती और उसके दो साथियों पर FIR दर्ज

अभी तय नहीं है फांसी की तारीख
हालांकि इस मामले में निर्भया के गुनाहगार कानूनी पेंच-ओ-खम का फायदा उठा फांसी के फंदे से अब तक बचे हुए हैं. ऐसे में निर्भया के अभिभावकों के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया अदालत को भेजी. अब इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि अभी तक राज्य सरकार ने फांसी की तारीख भी मुकर्रर नहीं की है. फांसी की तारीख तय होने के बाद ही अदालत डेथ वारंट जारी करेगी.

यह भी पढ़ेंः निर्भया के गुनाहगारों की भी दया याचिका खारिज करने की गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से की सिफारिश

निर्भया के गुनाहगार फांसी के फंदे के नजदीक
गौरतलब है कि निर्भया के चार गुनाहगारों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. इसके पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. यह अलग बात है कि निर्भया के गुनाहगारों में से एक विनय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. शेष तीनों आरोपियों ने ना तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की और न ही मर्सी पिटीशन फाइल की थी.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Nirbhaya Case President Ramnath Kovind pocso act
Advertisment
Advertisment
Advertisment