निर्भया केसः हैवानों के आखिरी 30 मिनट, रोए, जमीन पर लेटे और...
दोषी फांसी की जानकारी मिलने के बाद रातभर सो ही नहीं पाए थे. चारों दो सुबह करीब 4.30 बजे चाय दी गई. दोषियों ने चाय पीने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें नाश्ते के लिए पूछा गया लेकिन उन्होंने इससे भी इनकार कर दिया. पवन जल्लाद ने चारों को काले रंग के क
नई दिल्ली:
सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के चारों दोषियों को आखिरकार फांसी पर चढ़ा दिया गया. तिहाड़ जेल में सुबह 5.30 बजे चारों दोषी विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को फांसी पर लटका दिया गया. चारों ने बड़ी ही बर्बरता के साथ इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया लेकिन जब उन्हें फांसी के लिए ले जाया जा रहा था तो उनके चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा था. फांसी से बचने के लिए वह गिड़गिड़ा रहे थे.
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फांसी से पहले के आखिरी लम्हे
सूत्रों के मुताबिक चारों दोषियों को फांसी के लिए सुबह 3.15 बजे जगा दिया गया. हालांकि दोषी फांसी की जानकारी मिलने के बाद रातभर सो ही नहीं पाए थे. चारों दो सुबह करीब 4.30 बजे चाय दी गई. दोषियों ने चाय पीने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें नाश्ते के लिए पूछा गया लेकिन उन्होंने इससे भी इनकार कर दिया. पवन जल्लाद ने चारों को काले रंग के कपड़े पहनाए. इनके हाथ भी पीछे की तरफ बांध दिए गए.
जमीन पर लेट रोने लगे दोषी
जैसे ही चारों को फांसी घर ले जाया गया तो चारों जमीन पर लेट कर रोने लगे. सभी माफी मांगने लगे. चारों दोषी आखिरी समय से जेल अधिकारियों से गुहार लगाते रहे लेकिन सभी को आगे लाकर फांसी के तख्ते पर खड़ा कर दिया गया. इसके बाद चारों के गले में फंदा डाल दिया गया. जैसे ही जेल सुपरिटेंडेंट ने इशारा किया जल्लाद ने लिवर खींच दिया.
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खूब रोया विनय
जब दोषियों को फांसी के लिए ले जाया जाने लगा तो उससे पहले सभी को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया. विनय ने नहाने और कपड़े बदलने से इंकार कर दिया. वह पुलिस के सामने खूब रोया. गिड़गिड़ाने लगा और अपने गुनाह की माफी मांगने लगा. उसे फांसी घर ले जाया गया तो वह लेट गया और आगे जाने से मना करने लगा था. काफी कोशिशों के बाद उसे आगे लेकर जाया गया. सेल से बाहर लाकर फांसी कोठी से ठीक पहले चारों के चेहरे काले कपड़े से ढक दिए गए. वहीं इनके दोनों पैर भी बांध दिए गए थे.
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