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निर्भया के दोषियों के वकील से बोले जज, 'आपके मुवक्किल ईश्वर के पास जाने वाले हैं'

निर्भया के दोषियों ने आखिरी समय में फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. दोषी पवन (Pawan) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. एडवोकेट एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने हमारी याचिका पेंडिंग रहते हुए भी डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई है.

Updated on: 19 Mar 2020, 11:01 PM

नई दिल्ली:

निर्भया के दोषियों ने आखिरी समय में फांसी से बचने के लिए नई चाल चली है. दोषी पवन (Pawan) के वकील एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. एडवोकेट एपी सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने हमारी याचिका पेंडिंग रहते हुए भी डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये कैसी याचिका है. इसमें कोई डेट की लिस्ट नहीं है, पक्षकार किनको बनाया गया, उसका कोई ब्यौरा नहीं है. आपको ऐसी याचिका दाखिल करने की इजाजत कैसे मिल गई. यहां जस्टिस मनमोहन ने बेहद सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा कि आप ऐसे वक्त आए हैं जब आपके मुवक्किल के पास सिर्फ 5-6 घंटे बचे हैं. आपके मुवक्किल की ईश्वर से मुलाकात में ज्यादा वक्त नहीं बचा है.

इसके बाद तिहाड़ जेल की ओर से राहुल मेहरा ने कहा कि हमें तो इस बात की भी जानकारी नहीं है कि याचिकाकर्ता कौन है. याचिका में सिर्फ लिख दिया गया है- पवन और बाकी लोगों की ओर से. अदालत दोषियों के वकील से उनकी याचिका दायर करने की तारीख और बाकी जानकारी मांग रही है. इस पर वकील राहुल मेहरा ने कहा कि याचिका सुनवाई लायक नहीं है. सारे कानूनी राहत के विकल्प खत्म चुके हैं.

दोषी पवन के एपी सिंह ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला देते हुए अर्जी दायर की. उन्होंने कहा कि उस वक्त सतेंद्र जैन डिल्ली के गृह मंत्री की हैसियत नहीं थी. कोर्ट ने ऐतराज जाहिर किया. कहा- चुनाव आयोग का यहां कोई लेना-देना नहीं है. आपके सारे विकल्प खत्म हो चुके हैं. आपका केस अंतिम पड़ाव को पार कर चुका है. अब हम फिर से आपके केस को रिव्यु नहीं करने जा रहे हैं. हम डेथ वारंट पर रोक नहीं लगाने जा रहे हैं.

एपी सिंह ने आगे कहा कि अभी भी याचिका लम्बित हैं. पवन गुप्ता ने कड़कड़डूमा कोर्ट में मंडोली जेल में पुलिसकर्मियों की पिटाई को लेकर याचिका दायर की है. कोर्ट ने उस पर ATR मांगी है. उसके शरीर पर 14 टांके आए हैं. ठीक है, वो फांसी की सजा पाया शख्स है, पर इस मामले में वो पीड़ित है. ये नाइंसाफी होगी. अगर इस मामले में बिना इंसाफ किए फांसी पर लटका दिया जाए. उसे आरोपी पुलिस कर्मियों की शिनाख्त करने दे.

एपी सिंह ने कहा कि मेरे किसी भी मुवक्किल का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस गवाह की गवाही को आधार बनाया ( लडक़ी का दोस्त) वो खुद विश्वनीय नहीं है. अजित अंजुम के ट्वीट के हवाला दिया. कहा- उसने पैसे लेकर इंटरव्यू दिए हैं, लेकिन मीडिया ने इसलिए ये सब उजागर नहीं किया, क्योंकि उन्हें सच सामने आने पर ट्रायल प्रभावित होने का अंदेशा था.

जस्टिस मनमोहन ने कहा कि हम आपकी सहायता नहीं कर पाएंगे अगर आप ऐन वक्त पर ऐसी निरर्थक बातें करेंगे. आपके पास सिर्फ 5-6 घंटे का वक्त है. अगर कोई ज़रूरी बात है तो उसे कहिए. जज ने कहा कि आप समझने की कोशिश कीजिए. सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्य है तो ही रखिए. आपके मुवक्किल की ईश्वर से मुलाकात होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. आप ऐन मौके पर आए हैं. अब तो कुछ महत्वपूर्ण बात रखिए.