निर्भया केसः इस तरह आरोपियों तक पहुंची थी दिल्ली पुलिस

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि जिस बस में उसके साथ यह दरिंदगी की गई उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले रंग के थे. यह जानकारी पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हुई.

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि जिस बस में उसके साथ यह दरिंदगी की गई उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले रंग के थे. यह जानकारी पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हुई.

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Kuldeep Singh
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Nirbhaya Bus

निर्भया केसः इस तरह आरोपियों तक पहुंची थी दिल्ली पुलिस( Photo Credit : फाइल फोटो)

16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली की सड़क पर चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी की गई. निर्भया के साथ गैंग रेप के बाद क्रूरता की सभी हदें पार कर दी गई. जब यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो आरोपियों तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती भरा था. देश भर में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था. इस मामले में तत्कालीन डीसीपी साउथ दिल्ली छाया शर्मा ने बताया कि हमें इस मामले की शुरूआत से जांच करनी थी.

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इस तरह मिले पुलिस को सुराग
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि जिस बस में उसके साथ यह दरिंदगी की गई उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले रंग के थे. यह जानकारी पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हुई. डीसीपी साउथ दिल्ली छाया शर्मा ने बताया कि यह जानकारी मिलने के बाद हमने करीब 300 ऐसी बसों की लिस्ट बनाई और इसकी पहचान शुरू की. करीब 100 पुलिसकर्मी इस काम में लगाए गए. छोटी छोटी बातों का पूरा ध्यान रखा गया.

CCTV फुटेज से मिले थे सुराग
पुलिस को शुरूआती जांच में कोई सबूत नहीं मिला था. सीसीटीवी में बस का नंबर दिखाई नहीं दिया था. कुछ सीसीटीवी फुटेज में बस पर यादव लिखा दिखाई दिया. इससे जांच का दायरा काफी कम हो गया. पुलिस को यकीन हो गया कि यह बस उसी इलाके की है और उसका ड्राइवर या क्लीनर भी उसी इलाके का हो सकता है. पुलिस ने धीरे-धीरे कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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18 घंटे में मिली पहली कामयाबी
पुलिस को घटना के 18 घंटे में ही पहली कामयाबी मिल गई. पुलिस के आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों की पहचान हो गई और पुलिस ने एक एक कर सभी को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सिर्फ 18 दिनों में आरोप पत्र पेश कर दिया.

Source : News Nation Bureau

Tihar jail Nirbhaya Case
      
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