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निर्भया केसः दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने से फिलहाल कोर्ट का इनकार

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया गैंग रेप मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि फिलहाल यह याचिका प्री मैच्योर है.

Updated on: 11 Feb 2020, 03:20 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया गैंग रेप मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि फिलहाल यह याचिका प्री मैच्योर है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों को कानूनी विकल्प अपनाने के लिए 7 दिन का समय दिया है. ऐसे में नया डेथ वांट जारी नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सही समय आने पर ही नया डेथ वारंट जारी किया जाएगा.

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इससे पहले शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की. सरकारी वकील ने कहा कि किसी दोषी की अर्जी अभी पेंडिंग नहीं है, लिहाजा कोर्ट नया डेथ वारंट जारी कर सकता है. सरकारी वकील ने कहा कि 5 फरवरी को अक्षय की दया याचिका खारिज हो चुकी है. उस हिसाब से 14 दिन का समय देते हुए नया डेथ वारंट जारी किया जाए. जज ने पूछा एक दोषी के पास अभी भी क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका है आपको क्यों लगता है कि वो याचिका दाखिल नही करेगा? सरकारी वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद उसे दया याचिका दायर कर देनी चाहिए थी.

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निर्भया के माता पिता के वकील जितेंद्र झा ने कहा कि दोषी जानबूझकर कर मामले को लटकाने की कोशिश कर रहे है. हाईकोर्ट ने सात दिन का वक्त दिया है. उसकी भी डेडलाइन 11 फरवरी को खत्म हो रही है. निर्भया के माता पिता के वकील ने भी नई तारीख वाला डेथ वारंट जारी करने की अपील की. इस पर जज ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश से बंधे हुए है. हाईकोर्ट ने 7 दिन का वक़्त दिया है.

वृंदा ग्रोवर ने कहा कि शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने सॉलीसिटर जनरल के आग्रह के बावजूद दोषियों को नोटिस जारी नहीं किया. दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर अभी डेथ वारंट जारी किए जाने की मांग प्रीमैच्योर है. अभी हाईकोर्ट से दी गई मियाद के खत्म होने का इतंजार किया जाना चाहिए. अभी कैसे ये कयास लगाया जा सकता है कि कोई दोषी आगे चलकर कौन से क़ानूनी राहत के विकल्प आजमाएगा.

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वृंदा ग्रोवर ने कहा कि डेथ वारंट जारी किए जाने की अर्जी, हाईकोर्ट से मिली मियाद ख़त्म होने के बाद दायर होनी चाहिए थी. अभी तो केंद्र की दो अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. एक में शत्रुघ्न चौहान केस में गाइडलाइन जारी को लेकर है, दूसरी में उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. इसी बीच जज ने दोषियों के वकील एपी सिंह को ताकीद किया कि वो अपनी दलील क़ानूनी पहलुओं तक ही सीमित रखेंगे.

निर्भया के माता पिता की वकील सीमा कुशवाह ने कहा कि दोषी जानबूझकर कर मामले को लटका रहे है. उनकी बदनीयत साफ नजर आती है. आगे चलकर वो इसी देरी का हवाला देकर फांसी की सज़ा को उम्रकैद में बदलने की मांग करेंगे. तिहाड़ जेल प्रशाशन और सरकारी वकील की ओर से दो अलग अलग अर्जी दायर हुई. सरकारी वकील ने बताया कि अक्षय की दया याचिका 5 फरवरी को खारिज हो चुकी है. सरकारी वकील ने जिरह की कि अभी किसी दोषी की कोई अपील पेंडिंग नहीं है। लिहाजा डेथ वांरट जारी किया जाए.

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सरकारी वकील ने मांग की कि 20 तारीख के लिए डेथ वारंट जारी किया जाए. निर्भया के माता पिता के वकील जितेंद्र झा ने दलील दी है कि किसी दोषी की कोई अर्जी कहीं पर पेंडिंग नहीं है. लिहाजा डेथ वारंट जारी होना चाहिए. अगर कोर्ट तारीख तय नहीं होती है तो बेवजह दोषियों को और वक़्त मिलेगा. डेथ वारंट में हुई देरी पीड़ित को इंसाफ मिलने में हुई देरी में इजाफा करेगी.