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रात भर कोर्ट-कचहरी दौड़ते रहे एपी सिंह, लेकिन मुवक्किलों को फांसी से नहीं बचा पाए

निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 3 में फांसी दे दी गई. इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह फांसी से ठीक पहले तक रात भर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते रहे. एपी सिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने रात में ढाई बजे सुनवाई भी की.

Updated on: 20 Mar 2020, 06:21 AM

नई दिल्ली:

निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल की बैरक नंबर 3 में फांसी दे दी गई. इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह फांसी से ठीक पहले तक रात भर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते रहे. एपी सिंह की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने रात में ढाई बजे सुनवाई भी की. एपी सिंह लगातार यह चाहते रहे कि दोषियों की फांसी टल जाए. लेकिन अंत में उन्हें निराशा ही हाथ लगी.

गुरुवार की रात 10 बजे दोषियों के वकील एपी सिंह दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे. यहां उन्होंने कोर्ट से कहा कि दोषियों से जुड़े कई मामले अभी भी लंबित हैं. ऐसे में कोर्ट को उनकी फांसी रोकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक आरोपी के साथ पुलिस ने पिटाई की थी. वह मामला भी अभी कोर्ट में लंबित है. ऐसे में अगर पीड़ित को मार दिया गया तो आखिर केस क्या होगा? इसके बाद उन्होंने एक और दलील दी. उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि अभी भी एक दया याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल के पास लंबित है. अभी उस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है.

दोषियों के वकील एपी सिंह की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अंत में याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

सुप्रीम कोर्ट से भी मिली निराशा

हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद एपी सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. यहां सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद रहे. एपी सिंह ने एक बार फिर अपनी दलीलों को दोहराया. उन्होंने कहा कि जब तक LG फैसला नहीं ले लेते. सज़ा पर अमल रोक दिया जाए. इसके बाद उन्होंने कहा पवन की पुलिसकर्मियों ने मंडोली जेल में रहते पिटाई की. उसके सिर पर टांके आये. पवन का बयान दर्ज होना है. वह इस केस में पीड़ित है. इसलिए उसकी फांसी को रोका जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनीं. जिसके बाद जस्टिस भानुमति ने कहा कि हम आदेश पास करने जा रहे है. आपकी दलील विचार योग्य नहीं है. जिसके बाद यह तय हो गया कि निर्भया मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह अपने मुवक्किलों को नहीं बचा पाए.