निर्भया मामला: चारों दोषियों को फांसी देने के बारे में केन्द्र की अपील पर पांच मार्च को होगी सुनवाई

निचली अदालत ने चारों दोषियों को तीन मार्च को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये आवश्यक वारंट जारी किये थे.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Nirbhaya Convicts

निर्भया केस के दोषी( Photo Credit : फाइल)

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gang Rape Case) के चारों दोषियों को अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ ही फांसी देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केन्द्र की अपील पर पांच मार्च को सुनवाई की जायेगी. शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी को ही स्पष्ट कर दिया था कि केन्द्र की लंबित अपील निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों की मौत की सजा पर अमल के लिये निचली अदालत द्वारा नयी तारीख निर्धारित करने में बाधक नहीं होगी. इसके बाद ही निचली अदालत ने चारों दोषियों को तीन मार्च को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये आवश्यक वारंट जारी किये थे.

Advertisment

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ के समक्ष केन्द्र और दिल्ली सरकार (Delhi Government) की अपील सुनवाई के लिये आयी लेकिन पीठ ने इसे अगले सप्ताह के लिये स्थगित कर दिया. पीठ ने अपने आदेश में कहा ‘पांच मार्च को अपराह्न तीन बजे सूचीबद्ध किया जाये.’ उच्च न्यायालय ने चारों दोषियों की मौत की सजा के अमल पर रोक लगाने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ केन्द्र की याचिका पांच फरवरी को खारिज कर दी थी.

यह भी पढ़ें-Delhi Riots: सोशल मीडिया पर 5 Viral Video को देखकर लें सबक, नहीं तो...

राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं दया याचिका
उच्च न्यायालय ने चारों दोषियों की अपील शीर्ष अदालत से 2017 में खारिज होने के बाद उन्हें फांसी पर लटकाने के लिये आवश्यक वारंट जारी करने के बारे में संबंधित प्राधिकारियों द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाने पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया था. निचली अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार- को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये तीन मार्च की सुबह छह बजे का समय निर्धाारित करते हुये नये वारंट जारी किये थे. केन्द्र की याचिका पर शीर्ष अदालत ने चारों दोषियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिये कहा था. इस मामले में मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं. लेकिन चौथे दोषी पवन ने अभी तक न तो शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है.

यह भी पढ़ें-Delhi Violence: 5 प्वाइंट्स में जाने CAA को लेकर दिल्ली में कैसे भड़की हिंसा 

साल 2012 में हुआ था निर्भया गैंगरेप
दक्षिण दिल्ली मे 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में छह व्यक्तियों ने चलती बस में निर्भया से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. इन छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने बाद में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था और उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था. 

All Convicts death Punishment Supreme Court Nirbhaya Case central government Nirbhaya Gang Rape Case
      
Advertisment