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निर्भया केसः फांसी से बचने का एक और पैंतरा, दोषी पवन गुप्ता ने दाखिल की रिव्यू पिटीशन

निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों को फांसी में अब चंद घंटे ही बचे हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने आज दोषियों को राहत नहीं मिली तो 1 फरवरी को सुबह 6 बजे दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. इससे पहले दोषी फांसी से बचने के लिए हर पैंतरा आजमा रहे हैं.

Updated on: 31 Jan 2020, 12:02 PM

नई दिल्ली:

निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों को फांसी में अब चंद घंटे ही बचे हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने आज दोषियों को राहत नहीं मिली तो 1 फरवरी को सुबह 6 बजे दोषियों को फांसी पर लटका दिया जाएगा. इससे पहले दोषी फांसी से बचने के लिए हर पैंतरा आजमा रहे हैं. दोषी पवन गुप्ता फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उसने अपराध के समय नाबालिग होने की दलील खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. इसके साथ ही डेथ वारंट को भी रद्द करने की मांग की गई है.  

दूसरी तरफ दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट को बताया की विनय कुमार की दया याचिका अभी राष्ट्रपति के सामने लंबित है. पवन कुमार की नाबालिग होने की रिव्यू याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. जेल प्रशासन के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली प्रिजन रूल के जिस प्रावधान को आधार बनाकर फांसी की तारीख़ टालने की मांग की गई है, वह इस केस में लागू नहीं होता.
विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीनों को फांसी दी जा सकती है.

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दोषियों के वकील ने बताया ने सुप्रीम कोर्ट में पवन गुप्ता की पुनर्विचार याचिका लंबित है. गुरूवार को अक्षय की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई है. हम आदेश मिलने के बाद उसकी ओर से राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन दिए जाएंगे. इसलिए किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती. इसलिए नयी तारीख तय की जाए. 

एपी सिंह ने कहा कि शनिवार को किसी को फांसी नहीं दी जा सकती. डेथ वारंट पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई जाए. जब तक राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला ना करें. इस पर निर्भया के मां-पिता की वकील ने वृंदा ग्रोवर के पेश होने पर आपत्ति जताई, कहा वो अब इस केस में पेश नहीं हो सकतीं. कोर्ट ने वृंदा को बहस करने की इजाजत दी. वृंदा ने कहा कि कानून में खामियों के चलते देरी हो रही है. मुझे काफी देर बाद केस में मौका मिला. मैंने कोशिश की देरी ना हो इसलिए दोषी मुकेश की ओर से जल्द याचिकाएं लगाई.