निर्भया केसः 'कानून से खेल रहे दोषी, इसीलिए हैदराबाद एनकाउंटर पर मना जश्न'
निर्भया गैंग रेप मामले में केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने विशेष सुनवाई की. इस मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले के दोषी कानून के साथ खेल रहे हैं.
नई दिल्ली:
निर्भया गैंग रेप मामले में केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने विशेष सुनवाई की. इस मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले के दोषी कानून के साथ खेल रहे हैं. निर्भया केस में दोषियों ने बर्बरता की सारी हदों का पार कर दिया. उनके जघन्य अपराध ने सामाजिक चेतना को झकझोर दिया. आज वो दोषी क़ानून के साथ खिलवाड़ कर देश के सब्र की परीक्षा ले रहे है, न्यायपालिका की साख, उसमें लोगों का विश्वास दांव पर लगा है कि कोर्ट फांसी के फैसले पर अमल नहीं करवा पा रहा है. लोग न्यायपालिका में विश्वास खो रहे है. तुषार मेहता ने कहा कि यही कारण था कि हैदराबाद में एक डॉक्टर की गैंग रेप पीड़िता की हत्या के आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंट किया तो देशभर में जश्न मनाया गया.
SG Tushar Mehta during a hearing in 2012 Delhi gang-rape case in Delhi High Court: The convicts are exploiting the process of law. pic.twitter.com/LuHRHIdIV5
— ANI (@ANI) February 2, 2020
तुषार मेहता ने कहा कि कानून के तहत डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषी को जरूरी काम निपटाने के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है. इस मामले में देखा जा रहा है कि दोषी 13वें दिन कोर्ट जाता है और डेथ वारंट रद्द करने की मांग करता है. सब दोषी मिलकर एक्टिंग कर रहे हैं.
SG Tushar Mehta in Delhi HC:Law requires a 14 days notice period to be given to the convicts to take care of their affairs before they are hanged. In this case,o 13th day, a convict will file some plea&then ask for a warrant to be stayed against all. They all are acting in tandem
— ANI (@ANI) February 2, 2020
तुषार मेहता ने कोर्ट को सभी दोषियों की कानूनी राहत के स्टेटस का एक चार्ट सौंपा. SG ने कोर्ट को सभी दोषियों की याचिका के स्टेटस की दी. उन्होंने कोर्ट में कहा कि दोषियों के रवैये से साफ है कि वो कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. SG ने अलग-अलग दोषियों का हवाला देकर बताया कि कैसे वह एक-एक करके याचिका दायर कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद रिव्यू ,क्यूरेटिव फाइल करने में देरी हुई, ताकि मामले को लटकाया जा सके.
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