फांसी से पहले निर्भया के सभी 4 दोष आखिरी बार इस दिन करेंगे अपने परिजनों से मुलाकात
दिल्ली के चर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोषियों को फांसी सजा दे दी गई है. आने वाले 22 जनवकी को सभी चारों दोषी को फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा.
नई दिल्ली:
दिल्ली के चर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोषियों को फांसी सजा दे दी गई है. आने वाले 22 जनवकी को सभी चारों दोषी को फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा. इसी के मद्देनजर तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों के परिजनों से आखिरी मुलाकात की तारीख तय करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है. वहीं जेल के सूत्रों का कहना है कि चारों दोषी 20 जनवरी को अपने परिवार से आखिरी बार मिल सकेंगे.
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बता दें की हफ्ते में दो बार ही परिजन जेल में कैद कैदियों से मिल सकते हैं. वहीं शनिवार और रविवार को कैदियों से मुलाकात नहीं कराई जाती है, सिर्फ सोमवार से शुक्रवार तक उनसे मिला जा सकता है. इसी क्रम में पिछले काफी समय से परिजन चारों दोषियों से मिलते रहे हैं, चूंकि दोषी अक्षय के परिजन दूर रहते हैं इसलिए उनका आना-जाना कम होता है. वहीं, बीते सप्ताह ही अक्षय और मुकेश के परिजन इनसे मिलने आए थे इस दौरान दोनों ही दोषी अपने परिजनों से लिपटकर रो पड़े.
डीजी तिहाड़ ने बताया कि फांसी के लिए जेल मैन्युअल के हिसाब से पूरी तैयारी की जा रही है। जैसे चारों दोषियों का हर 24 घंटे के अंतराल पर दो बार नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है. चारों पर हर पल नजर रखी जा रही है, इनके व्यवहार, बातचीत और सोचने -समझने के तौर-तरीकों पर भी जेल अधिकारी नजर बनाए हुए हैं. खासतौर से स्वास्थ्य को लेकर किए जाने वाले एहतियात पूरी तरह से बरते जा रहे हैं. दरअसल, तिहाड़ प्रशासन अपने स्तर पर परिसर में स्वास्थ्य जांच कराता है, इसके अलावा बाहर भी सरकारी अस्पताल में जांच कराता है.
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गौरतलब हैं कि दें कि निर्भया गैंगरेप के इन चारों दोषियों का दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी दी जाएगी. हालांकि, इससे पहले दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन पर भी सुनवाई होनी है.
डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी. अगर क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो जाती है तो चारों दोषी आखिरी प्रयास के तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते हैं.
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