Nirbhaya Verdict: फांसी के बाद निर्भया के गुनहगारों को कोई नहीं देना चाहता है कांधा

निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय मुकेश और पवन आर के पुरम सेक्टर 4 की जिस रविदास कॉलोनी में रहते थे

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Ravindra Singh
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Nirbhaya Convicts

निर्भया को मिला इंसाफ( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों का दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. निर्भया गैंगरेप के इन दोषियों में से जब न्यूज नेशन संवाददाता अवनीश चौधरी ने जब इनमें से दो दोषी मुकेश और पवन के घर पहुंच कर लोगों से बात की तो कोई भी व्यक्ति इन दोनों की मौत के बाद कांधा देने को तैयार नहीं था. निर्भया गैंगरेप के दोषी विनय मुकेश और पवन आर के पुरम सेक्टर 4 की जिस रविदास कॉलोनी में रहते थे, वहां चारों की मौत की तारीख मुकर्रर होने की खबर की चर्चा घर-घर में है. कॉलोनी की महिलाओं का कहना है कि जो हुआ है बिलकुल सही फैसला हुआ. फांसी के बाद दोषियों को कॉलोनी से कोई कंधा देने भी नहीं जाएगा. यह अलग बात है कि रविदास कॉलोनी की इस जेजे बस्ती से कोई शख्स कैमरे के आगे प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता.

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न्यूज़ नेशन संवाददाता कॉलोनी में अलग-अलग घरों में जाकर महिलाओं से बात की तो उन्होंने कहा कि पवन और विनय के घर पड़ोस में होने की वजह से वह कैमरे पर कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि दोषियों के परिवार वाले उन से झगड़ सकते हैं. पर सभी कॉलोनी वालों ने एक बात जरूर कही कि जो हुआ वह बहुत अच्छा हुआ, निर्भया को न्याय मिलना चाहिए.
मुकेश और उसके भाई राम सिंह के अलावा दो अन्य दोषी विनय और पवन का आचरण पहले से ही खराब था.

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जिस राम सिंह ने इस कांड के बाद तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली वह कॉलोनी के लिए नासूर था . उसके उकसावे में आकर ही उसके भाई और पड़ोस में रहने वाले विनय और पवन ने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया होगा. यह सभी राम सिंह की बस में चलते थे. शराब के नशे में झगड़े करना, इनका आए दिन का काम था. इसलिए जब यह घटना सामने आई और इन चारों की गिरफ्तारी हुई तो कॉलोनी वालों को ज्यादा ताज्जुब नहीं हुआ.

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कॉलोनी की महिलाओं ने बताया कि विनय और पवन के घर वाले पड़ोसियों से बिल्कुल कट चुके हैं. उनसे किसी की बात नहीं होती है. उन्होंने जो किया उसकी सजा फांसी से कम नहीं हो सकती, लेकिन कॉलोनी की बदनामी होने के डर से कोई कैमरे के आगे प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता. कॉलोनी के कुछ युवकों ने कहा वह जिन जगहों पर काम करते हैं, वहां अगर पता चलेगा कि निर्भया के दोषी उनकी बस्ती के रहने वाले हैं तो उनकी तरफ भद्दे कमेंट आ सकते हैं. लोग दोषियों से जुड़े सवाल उनसे ही करेंगे, उन्हें एहसास कराएंगे कि वह उनके जानने वाले हैं. जबकि कॉलोनी के लोग इस फैसले से बेहद संतुष्ट हैं. अगर फांसी के बाद दोषियों की लाश को कॉलोनी में आती है तो हो सकता है चार कंधा देने वाले भी ना मिले.

Source : News Nation Bureau

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