आखिर इस 9 महीने के बच्चे ने महज 6 दिनों में कैसे दे दी COVID-19 वायरस को शिकस्त, पढ़ें पूरी खबर
आखिर 9 माह के बच्चे ने कैसे महज 6 दिनों में ही कोविड-19 जैसे खतरनाक वायरस को शिकस्त दे दी यह बात सभी के जेहन में सवाल के रूप में कौंध रहा होगा तो चलिए आपको बता दें कि, इस 9 माह के बच्चे ने कैसे दी कोविड-19 के खतरनाक वायरस को शिकस्त.
नई दिल्ली:
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण से ठीक होने को लेकर एक पॉजिटिव खबर आई है. देहरादून के सरकारी अस्पताल में भर्ती 9 महीने के बच्चे ने कोरोना वायरस को करारी शिकस्त दी है. 9 महीने के इस बच्चे ने महज 6 दिनों में ही कोरोना वायरस को हराकर अपने घर वापसी की है. आपको बता दें कि यह सबसे कम दिनों में कोरोना वायरस से ठीक होने का पहला मामला है. बच्चे का पिता जमात से लौटकर आया था.
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित नौ महीने के बच्चे ने स्वस्थ होकर कोविड -19 (COVID-19) से जंग जीत ली है वो भी महज 6 दिनों में. आपको बता दें कि यह सबसे कम दिनों में कोविड-19 से ठीक होने वाला पहला मामला है. इसके पहले एक ट्रेनी आईएफएस ने भी कोरोना के खिलाप 7 दिनों में जीती थी जंग. अस्पताल के डिप्टी एमएस और कोरोना के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि बच्चे की दो रिपोर्ट लगातार निगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
आखिर 9 माह के बच्चे ने कैसे महज 6 दिनों में ही कोविड-19 जैसे खतरनाक वायरस को शिकस्त दे दी यह बात सभी के जेहन में सवाल के रूप में कौंध रहा होगा तो चलिए आपको बता दें कि, इस 9 माह के बच्चे ने कैसे दी कोविड-19 के खतरनाक वायरस को शिकस्त. इस बच्चे के पिता कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित पाए गए थे उसके बाद बच्चा भी कोरोना वायरस की जद में आ गया. इस बीच आपको बता दें कि चूंकि बच्चा अभी महज 9 महीने का ही था तो जाहिर सी बात है कि वो अपने मां के दूध पर ही आश्रित था. आपको बता दें कि मां का दूध संक्रमण से लड़ने में सबसे ज्यादा उपयोगी होता है. बच्चे जब तक मां का दूध पीते हैं तब तक वो किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता रखते हैं. मां का दूध ही उनकी ताकत होता है.
17 अप्रैल को इस बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे दून के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बच्चे के साथ उसकी मां को भी क्वारंटीन किया गया था लेकिन जांच में मां का सैंपल निगेटिव आया. अस्पताल के कोरोना के नोडल अफसर और सांस रोग विभाग के एचओडी पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि बच्चे की मां का भी कोरोना सैंपल निगेटिव आया था. इस टेस्ट के बाद पीपीई किट भी उपलब्ध कराई गई दोनों बार मां की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसके बावजूद भी मां को बच्चे के साथ ही अस्पताल में भर्ती रखा गया. इस दौरान मां पीपीई किट में थी
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