logo-image

कोरोना वायरस रोकने में नाइट कर्फ्यू या आंशिक लॉकडाउन ज्यादा असरदार नहीं: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन

Coronavirus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ये भी कहा कि सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए पहले के मुकाबले अब ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है.

Updated on: 27 Mar 2021, 08:27 AM

नई दिल्ली:

देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना से रोकने में नाइट कर्फ्यू और शनिवार-रविवार को लगाए जाने वाले कर्फ्यू ज़्यादा असरदार नहीं हैं. उनका मानना है कि वैक्सीनेशन से ही कोरोना की दूसरी लहर पर लगाम लगाई जा सकती है. बता दें कि देशभर से इन दिनों कोरोना के डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को कोरोना के करीब 60 हज़ार नए मरीज़ मिले. हर्षवर्धन ने मीडिया ग्रुप के कार्यक्रम में कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है, लेकिन आंशिक लॉकडाउन जैसे कि नाइट कर्फ्यू और हफ्ते के अंत में लगाए जाने वाले लॉकडाउन का ज्यादा असर नहीं होता है.' उन्होंने आगे कहा कि सरकार टीकाकरण अभियान को तेज़ करने पर विचार कर रही है. टीके के लिए उम्र की सीमा घटाई जा रही है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना को लेकर उद्धव सरकार का बड़ा ऐलान, 28 मार्च से महाराष्ट्र में Night Curfew

सरकार की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ये भी कहा कि सरकार अब कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए पहले के मुकाबले अब ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक फिलहाल देश में 6 वैक्सीन पर काम चल रहा है. इन वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग दौर में है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि देश को जल्द ही और वैक्सीन मिल जाएगा. फिलहाल भारत में दो वैक्सीन उपलब्ध है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना पर गृह मंत्रालय की एडवाइजरी, त्योहारों पर राज्यों को दी हिदायत

वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित
हर्षवर्धन ने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रतिरोधक हैं तथा देश में इस्तेमाल किए जा रहे इन टीकों की सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई चिंता की बात सामने नहीं आई है. हर्षवर्धन ने कहा कि जहां ऐसे मामले सामने आए हैं, उन देशों की सरकारों द्वारा ऐसे मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के सभी मामलों की निगरानी एक सुव्यवस्थित और मजबूत निगरानी प्रणाली के जरिए की जाती है.