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विशेष एनआईए कोर्ट ने आईएस से जुड़े 2 आतंकियों को चरमपंथी समूहों में शामिल करने का दोषी ठहराया (लीड-1)

विशेष एनआईए कोर्ट ने आईएस से जुड़े 2 आतंकियों को चरमपंथी समूहों में शामिल करने का दोषी ठहराया (लीड-1)

Updated on: 06 Jan 2022, 03:45 PM

मुंबई:

मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें पश्चिम एशिया के आईएस/आईएसआईएल/आईएसआईएस चरमपंथी समूहों में शामिल होने के लिए उकसाने के आरोप में मलाड उपनगर से आईएस से जुड़े दो आतंकियों को दोषी ठहराया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी।

दोनों (मोहसिन इब्राहिम सैय्यद और रिजवान अहमद) को मार्च 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिरासत में लिया था और फिर संवेदनशील मामले की गहन जांच की।

एनआईए ने कहा कि दोनों मलाड- मालवानी उपनगर के गरीब युवा मुसलमानों को इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का प्रयास कर रहे थे, उन्हें विदेश यात्रा करने और भारत के साथ संबद्ध राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आतंकवादी समूहों के सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया।

सैय्यद और अहमद ने भी उन्हें इस्लाम के लिए फिदायीन लड़ाके बनने के लिए मजबूर किया और आईएस में शामिल होने के लिए उनके देश से बाहर जाने की व्यवस्था की।

मूल रूप से, आतंकवाद विरोधी दस्ते, कालाचौकी ने 12 दिसंबर, 2015 को मामला दर्ज किया था और बाद में एनआईए ने मार्च 2016 में एक नया मामला दर्ज करके जांच अपने हाथ में ले ली।

एनआईए ने अपनी जांच पूरी करने के बाद जुलाई 2016 में विशेष एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

पांच साल से अधिक समय तक चले मुकदमे के बाद, विशेष एनआईए अदालत ने बुधवार को सैय्यद और अहमद दोनों को दोषी पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

दोनों ने पिछले महीने अपने खिलाफ आरोपों के लिए दोषी ठहराया। दावा किया कि उन्हें प्रचार से गुमराह किया गया था, लेकिन अब वे खुद को मुख्यधारा के समाज में सुधार और पुनर्वास करना चाहते थे।

विशेष एनआईए न्यायाधीश ए.टी. अधिकारियों ने कहा कि वानखेड़े ने सजा सुनाने की तारीख 7 जनवरी (शुक्रवार) तय की है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.