राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे संबंधित जगहों पर छापेमारी की है. टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मामले की जांच में यह छापेमारी की गई. एनआईए ने बीते कुछ दिनों में इस मामले को लेकर एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज किए हैं. इसमें पीएफआई का नाम भी सामने आया है. ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने पीएफआई से संबंधित 106 लोगों को अलग-अलग मामलों में पकड़ा है. ये गिरफ्तारियां 11 राज्यों में हुई हैं. एनआईए ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है.
एनआईए को काफी ज्यादा संख्या में पीएफआई और उससे संबंधित लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना प्राप्त हुई थी. इसके आधार पर जांच एजेंसी आज बड़ी छापेमारी की है. दस से अधिक राज्यों में ईडी, एनआईए और राज्यों की पुलिस ने सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. पीएफआई और उससे संबंधित संगठन पर ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. एनआईए की रेड को लेकर पीएफआई महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने को लेकर एजेंसियों का उपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अत्याचार किया जा रहा है. फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को शांत किया जा रहा है.
23 जगहों पर मारी गई रेड
इससे पहले 18 सितंबर को एनआईए ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर रेड मारी थी. ये छापेमारी भी पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के नाम पर हुई थी. एनआईए ने निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में छापेमारी की थी.
HIGHLIGHTS
- पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी
- गिरफ्तारियां दस से अधिक राज्यों में हुईं
- मामले को लेकर एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज किए हैं