राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को हैदराबाद में एक नर्सिग छात्रा के कथित अपहरण के मामले में तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक वकील को हिरासत में लिया।
एनआईए अधिकारियों ने उप्पल इलाके के चिलुकानगर में तलाशी लेने के बाद शिल्पा को हिरासत में लिया।
उसे हैदराबाद में एनआईए के क्षेत्रीय कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां एजेंसी के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे थे।
नसिर्ंग छात्रा राधा की मां की शिकायत पर विशाखापत्तनम पुलिस द्वारा पहले दर्ज मामले के आधार पर हाल ही में एनआईए द्वारा शिल्पा और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
राधा चार साल पहले लापता हो गई थी और उसकी मां पल्लेपति पोचम्मा ने आरोप लगाया कि चैतन्य महिला संघ (सीएमएस) के नेताओं ने उसका अपहरण कर लिया और उसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में जबरन भर्ती कर लिया।
उसकी मां ने आरोप लगाया कि सीएमएस नेता देवेंद्र, स्वप्ना, शिल्पा और अन्य उनके आवास पर आए और राधा को अपने साथ ले गए और कहा कि उन्हें इलाज के लिए उनकी सेवाओं की जरूरत है।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राधा घर नहीं लौटी और बाद में उसे पता चला कि उसकी बेटी माओवादी पार्टी में शामिल हो गई है और विशाखापत्तनम जिले के पेद्दाबयालु के वन क्षेत्र में शीर्ष अधिकारियों के साथ काम कर रही है।
एनआईए ने गुरुवार को तेलंगाना के मेडक जिले के चेगुंटा में भी तलाशी ली। अधिकारियों ने शीर्ष माओवादी नेता दुबाशी शंकर के बेटे के घर की तलाशी ली, जिसे पिछले साल सितंबर में ओडिशा पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पेद्दाबायुलु पुलिस द्वारा दर्ज मामले के आधार पर एनआईए ने 3 जून को प्राथमिकी दर्ज की थी। अपहरण, गलत तरीके से बंधक बनाने और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, वकील शिल्पा के परिवार ने बिना किसी नोटिस के एनआईए की तलाशी और उन्हें हिरासत में लिए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि, उसने बहुत पहले सीएमएस छोड़ दिया था और आरोप लगाया कि मामला फर्जी था और उसे परेशान करने की साजिश का हिस्सा था।
उन्होंने कहा कि चूंकि शिल्पा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों की ओर से मामले लड़ रही हैं और आवाज उठा रही हैं, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
शिल्पा के पति बंदी किरण ने कहा कि, उन्हें पहले भी इसी तरह के झूठे मामलों में फंसाया गया था और उन्हें सात महीने जेल में बिताने पड़े थे।
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Source : IANS