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NIA और ED ने PFI के ठिकानों और उससे जुड़े लिंक पर 12 राज्यों में की छापेमारी

ये छापेमारी आतंकी गतिविधियों के संचालन, प्रशिक्षण शिविर चलाने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में की गई है कुल 106 पीएफआई के लोगों को गिरफ्तार किया गया है

Updated on: 22 Sep 2022, 03:08 PM

नई दिल्ली:

NIA और ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के ठिकानों और उससे जुड़े लिंक पर केरल और तमिलनाडु समेत देशभर के 12 राज्यों में छापेमारी की है. राज्य पुलिस बलों की टीम के साथ केंद्रीय एजेंसीज ने टेरर फंडिंग के हवाला और दूसरे चैन के साथ टेररट्रेनिंग कैंप्स मामलों में यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में छापेमारी की है. ये छापेमारी आतंकी गतिविधियों के संचालन, प्रशिक्षण शिविर चलाने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में की गई है कुल 106 पीएफआई के लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें पीएफआई चेयरमैन और दिल्ली चीफ भी शामिल हैं कुल-

  • दिल्ली 3
  • कार्नाटक 20
  • केरल 22
  • महाराष्ट्र 20
  • यूपी 8
  • एमपी 4
  • असम 9
  • आंध्र 5
  • राजस्थान 2
  • तमिलनाडु 10
  • पुडिचेरी 3 गिरफ्तारियां की गई हैं 


ये छापेमारी और गिरफ्तारियां इस लिए की गई हैं क्योंकि पहले की गई छापेमारियों में पीएफआई के खतरनाक मंसूबों टेरर फंडिंग और टेरर कैंप्स के बारे में अहम लीड्स एजेंसीज को मिली थी. जांच में ये बात साफ है कि पीएफआई ने अपनी मोडस ऑपरेंडी बदली है और हवाला के ज़रिए विदेशी फंडिंग का पैसा हासिल कर देश भर में गड़बडी फैलाने के लिए बांट रही है. PFI  कैडर तक ये पैसा पाकिस्तान तुर्की और कई दूसरे देशों से यमन, moritius, मलेशिया रुट से हवाला के ज़रिए पहुच रहा है. दरअसल पाकिस्तान की आईएसआई , टर्की गल्फ देशों से पीएफआई की जो फंडिंग आती है वो टर्की और यमन के बैंक अकाउंट्स में पहुंचती है. फिर इस पैसे को कैश में निकाल लिया जाता है ताकी मनिट्रेल खत्म हो जाए फिर पैसे का ये कंसाइनमेंट यमन में कार्गो जहाजों से मॉरिशियस मलेशिया हवाला चैनलों से भारत में पीएफआई तक पहुंचता है.


इससे पहले खुलासा हुआ था कि पीएफआई अपने कैडर और उनके रिश्तेदारों के खातों का इस्तेमाल मनी लॉंडरिंग के लिए कर रहा है इन खातों में विदेशों से छोटी छोटी रकम आती थी. जिसको पीएफआई के खातों में जकात चंदे के नाम पर जमा कर दिया जाता था. लेकिन एमपी कानपुर हाथरस जैसे मामलों में पीएफआई की साजिश मनीट्रेल से उजागर हो गई. जिसके बाद अपना खेल बदलते हुए पीएफआई ने कैश और हवाला का इस्तेमाल शुरु कर दिया. बिहार और तेलंगाना में टेरर ट्रेनिंग कैंप खोलने और ऑपरेट करने के लिए भारी रकम हवाला और कैश के जरिये यहां भेजी गई और इसके सुराग तलाशती एनआईए ने छापेमारी कर उन लोगों की शिनाख्त की है जो पीएफआई के पैसे के नए खेल की कड़ियां हैं.


जांच में पता चला है कि हवाला के जरिए आए पैसे से  से PFI केरल के बाद UP, बंगाल, बिहार राजस्थान और तेलंगाना में अपनी पैठ बढ़ा रहा है. इन राज्यो में PFI ने कई ठिकाने बना लिए है और PFI के लोग छोटे छोटे ग्रुप्स में अलग अलग जगह छुपे है. क्योंकि उनको आशंका है कि जल्द ही PFI पर प्रतिबंध लग सकता है और उससे पहले ये ग्रुप्स अपने ठिकाने बढ़ा रहा है और नई भर्तियां कर रहे है इनके टारगेट पर मस्जिदों के इमाम और मदरसों के प्रमुख है PFI विदेशी फंडिंग के ज़रिए छोटे बड़े शहरों और गाँव की मस्जिदों और मदरसों में अपनी पैठ बढ़ा रहा है. ताकि वक्त आने पर लोगो को MOBILIZE किआ जा सके PFI के टारगेट पर खास तौर से UP, है जहाँ जातीय या धार्मिक हिंसा फैलाने की साज़िश में PFI जुटा है. जिसके बाद बिहार और तेलंगाना को पीएफआई ने टार्गेट चुना है PFI का मकसद ऐसे ट्रेंड लोग तैयार करना है जो दंहे भडका सके और हिंदुओं का कत्ल कर सकें पीएफआई गड़बड़ी फैलाकर भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करना है और किसी भी तरह साज़िश करके इस संदेश का प्रचार करना है कि भारत मे माइनॉरिटीज सुरक्षित नहीं है. भारी हवाला फंडिंग से इसके लिए PFI ने सोशल मीडिया और पब्लिकेशन टीम भी तैयार कर ली है. एजेंसीज PFI से पूर्व या वर्तमान में जुड़े लोगों की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड की जांच कर रही है. ताकि पता लगे कि हवाला का पैसा कहां आया था और भी क्या दूसरी जगहों पर ऐसे ही पास तो नही भेजा गया?  हवाला का ये ट्राजेक्शन बहुत शातिर तरीके से किया जा रहा है.

आम तौर पर हवाला ऑपरेटर्स ऐसे रुट का इस्तेमाल नही करते जांच में पता चला कि पीएफआई नें नई भरतियों के लिए डू ऑर डाय का संदेश अपने कैडर्स को दिया है और भारी फंडिंग बिना मनी ट्रेल के कर रहा है युवाओं को टार्गेट करने के लिए पीएफआई  देश भर में फुटबॉल क्रिकेट टूर्नामेंट , मदरसे के चंदे, रमजान में जकात और फितरे के नाम  फंडिंग कर रहा है. इन छापेमारी में मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि कैश फंडिंग का ये खेल का ट्रायल  पीएफआई ने रामनवमी के दौरान  किया था उस वक्त पर देश के कई राज्यों में हिंसा पथराव और आगजनी की घटना हुई दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में साम्प्रदायिक तनाव देखने को मिला ये हिंसा अचानक नहीं हुई पीएफआई की प्लानिंग का नतीजा थी 2 साल से ज्यादा समय से स्लीपर सेल नेटवर्क एक्टिव था. फंडिंग के जरिए अलग अलग राज्यों में ऐसे लोगों को काम पर रखा गया जो अपने इलाके में मास अपील रखते थे जिनमें मौलाना एनजीओ चलाने वाले और मदरसे से जुडे मौलवी भी शामिल थे.

ये लोग लगातार मुसलमानों पर जुल्म होने की बाते लोगों से करते थे ताकि गुस्सा भडक सके पिछले 2 साल में छोटी मोटी हिंसा की वारदाते करवाकर विदेश में बैठे अपने आकाओं को संदेश भेजा गया राम नवमी पर पूरे स्लीपर सेल को देश भर में एक साथ सांप्रदायिक माहोल बिगाड़ने का आदेश दिया गया. इसके लिए मोटी कैश फंडिंग भी की गई पूरी प्लानिंग के तहत रामनवमी जुलूस को निशाना बनाया गया ताकि दंगे भडक सकें पूरे कॉर्डिनेशन से हिंसा को अंजाम दिया गया ट्रेंड स्लीपर सेल्स अलग अलग गुट में बटकर दूसरे राज्यों में टारगेटेड जगहों पर भीड में शामिल हो गए थे और हिंसा को अंजाम दिया. उस समय से फंडिग के सुराग तलाश रही एनआईए तेलंगाना तक पहुच गई रामनवमी पर जो ट्रायल पीएफआई ने किया था अब वो बडे पैमाने पर देश के कई राज्यों में एकसाथ करने की प्लानिंग थी जिसका खुलासा पीएफआई के फुलवारी शरीफ और हैदराबाद के आतंकी ट्रेनिंग कैंप के भांडाफोड से हुआ है एनआईए की छापेमारी में हवाला नेटवर्क की जानकारियां मिली हैं जिसपर जल्द ही एक्शन होगा.


पीएफआई के फुलवारी शरीफ माडयूल की जांच में भी एनआईए को एक बहुत बड़ी साजिश का पता चला था. इस आतंकी साजिश के तार बिहार से बंगाल असम बागलादेश और पाकिस्तान तक फैले हैं. अब तक की जांच में पता चला है कि अपने मंसूबो को पूरा करने के लिए पीएफआई ने बिहार को 5 हिस्सो में बांटकर अपनी प्लानिंग शुरु की थी. ये प्लानिंग पिछले कई साल से चल रही थी. जिसका पावर सेंटर बंगाल में था इनके टार्गेट पर लोवर असम भी था .. इस प्लानिंग के तहत पीएफआई का 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का पूरा प्लान डीकोड हो रहा है. इस प्लान की शुरुआत 2023 से होनी थी.

  • 2023 में जेहाद
  • 2024 में खिलाफत
  • 2028 में सरकारी तंत्र पर कब्जा
  • 2035 देश के हर जिले में 1000 ट्रेंड लड़ाके तैयार
  • 2047 भारत इस्लामिक राष्ट्र 

पूछताछ में आतंकी हिंदुस्तान में जिहाद करने की जो प्लानिंग कर रहे थे उसके सारे राज उगल रहे हैं इनका मकसद हर जिले में कम से कम 1000 हथियारबंद लड़ाके तैयार करना था . PFI के मिशन इंडिया 2047 के तहत 15 हज़ार से अधिक बेरोजगार मुसलमानों को बिहार में साथ जोड़ा गया था इसके लिए बिहार के 15 जिलों में ट्रेनिंग कैंप चलते थे. जिनका पूर्णिया हेडक्वाटर था सूत्र बताते हैं कि बड़ा खुलासा ये है कि अब तक बिहार में  15 जिलों में 8327 युवकों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जा चुकी है ट्रेनिंग देने के बाद उन युवकों को क्या टारगेट देते थे और उसका कोड क्या था इसका भी खुलासा हुआ है. पीएफआई की सोच है कि अगर देश के 15 प्रतिशत मुसलमान उसके साथ हो जाए तो  अगले 25 साल में भारत इसलामिक राष्ट्र बन जाएगा.


पीएफआई के गजवा ए हिंद का बिहार में पाइलट प्रोजेक्ट का पहला चरण हथियारों की ट्रेनिंग पूरा हो गया था पीएफआई के फुलवारी शरीफ मॉड्यूल ने अपने आका को मैसेज में लिखा था कि लॉक डाऊन में अच्छा काम हुआ है. 2023 की तैयारी हो रही है. दूसरा चरण 2023 जिहाद - हर जिले में तैयार ट्रेंड आतंकियों को टार्गेट दिया जाना था इन लोगों को एक साथ उनकी हत्या करनी थी जिनहोने इस्लाम के खिलाफ बात कही हो या सोशल मीडिया पर पोस्ट की हो ताकी गड़बडी फैल सके. ट्रेनिंग में छतों पर हथियार पत्थर इकट्ठा करने और भीड़ को भडकाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी इस माहोल में सांप्रदायिक दंगे करवाने की प्लानिंग थी.

तीसरा चरण 2024 खिलाफत -- पीएफआई के लिए पीएम मोदी सबसे बडा खतरा चुनाव में सरकार को टार्गेट कर सरकार गिराना, माहौल खराब करना, किसी भी तरह नई बनने वाली सरकार को कमजोर करना, चौथा चरण 2028 में सरकारी तंत्र पर कब्जा, पांचवा चरण 2035 तक बूथ स्तर पर कमेटी बनाकर देश के हर जिले में 1000 ट्रेंड लड़ाके तैयार करना, गजवा ए हिंद 2047 भारत इस्लामिक राष्ट्र.

बिहार के पाइलट प्रोजेक्ट के साथ असम में भी ऐसी ही प्लानिंग की शुरुआत की गई थी. एबीटी और एक्यूआईएस से इस प्लान को लॉजिस्ट्क और आर्थिक सपोर्ट मिल रहा है.
असम में PFI और बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के बीच संबंध हैं. कुछ पीएफआई कार्यकर्ता बांग्लादेश के अल-कायदा  से प्रेरित इस्लामिक एबीटी के लिए काम कर रहे हैं पूछताछ में पता चला है कि अंसारुल्लाह बांग्ला टीम में शामिल होने से पहले निचले असम में पीएफआई के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा थे, लेकिन बाद में एबीटी में शामिल हो गए जहां उनको बेसिक ट्रेनिंग एबीटी के आतंकियों ने दी.  असम पुलिस ने अब तक पीएफआई और सीएफआई के खिलाफ 18 मामले दर्ज किए हैं. 18 मामलों में से 16 पीएफआई के खिलाफ दर्ज हैं, जबकि  दो मामले सीएफआई के खिलाफ  हैं. पीएफआई और एबीटी का मक्सद है कि देश में कहीं भी कुछ भी हो रहा है. जिसका असम से कोई संबंध भी नहीं है चाहे वो हिजाब का मुद्दा हो या कुछ मंदिर, मस्जिद उसके नाम पर असम गडबडी फैलाना विशेष रूप से गुवाहाटी शहर, गोलपारा, बारपेटा, बक्सा, धुबरी और बराक घाटी के कुछ हिस्सों सहित निचले असम क्षेत्र में पीएफआई सक्रिय है और अंसारुललाह बाग्ला टीम से जुडकर वो लोगों को भड़का रहे हैं एनआईए लगातार इस गजवा ए हिंद पीएफआई के मॉड्यूल्स की तलाश में जुटी है जो स्लीपर सेल्स की तरह रह रहे हैं.

  • सर तन से जुदा गैंग के 200 
  • '200' का मिशन हिंदूस्तान
  • हथियार चलाने की ली है ट्रेनिंग
  • प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग
  • पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप से निकले 200 अनट्रेसेबल
  • इन 200 में महिलाएं भी शामिल
  • अलग-अलग विंग के जरिए एजेंसियों को झांसा देकर हथियारों की ट्रेनिंग देना
  • ऐजेंसीज और लोगों को झांसा देने के लिए ऐसी गतिविधियों में तिरंगे का इस्तेमाल जरूर करना
  • निजामाबाद में छापेमारी के बाद PFI के ‘मिशन हिंदुस्तान’ के बारे में भी एनआईए को पता चला था 


 जांच में सामने आया था कि निजामाबाद में पीएफआइ के लोग 200 युवाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं कराटे के प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग का मामला पहली बार सामने आया था कराटे प्रशिक्षण लेने आए युवाओं को मुस्लिम कट्टर धार्मिक साहित्य पढ़ने को दिया जाता था. ताकि दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ उसके मन में नफरत पैदा की जा सके उसके बाद उन्हें कराटे के बजाय अलग अलग तरह से हथियारों का प्रशिक्षण दिया गयी ताकि वो दूसरे धर्म के लोगों की हत्या कर सके. पीएफआइ इन युवाओं का उपयोग दंगे भड़काने और उस दौरान दूसरे धर्म के लोगों पर हमले के लिए करना चाहती थी और खतरनाक बात ये है कि ट्रेनिंग लेने के बाद ये 200 कहीं भी हो सकते है एनआईए को जांच में पता चला कि पीएफआई कैंपों में आने वालों का कोई रिकार्ड नहीं रखती है ये 200 अभी अनट्रेसेबल हैं. सूत्र बता रहे हैं कि पीएफआई इस माडल के आधार पर काफी संख्या में कराटे प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बना रही थी और कुछ खोल भी लिए गए थे. जिसके लिए पीएफआइ को विदेशी फंडिंग भी मिली थी अब एजेंसी के सामने 200 ट्रेंड के साथ दूसरे कैंपों से संबंधित लोगों को ढूढना भी बडी चुनौती है और इस लिए इतने बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई है. एनआईए सूत्रों के मिताबिक जांच में ‘मिशन हिंदुस्तान’ के बारे में बड़ा खुलासा हुआ था पीएफआई के मिशन को डी-कोड किया है. ये देश भर के युवाओं को अपने साथ जोड़ने की फिराक में हैं जांच में देश भर में PFI का पूरा रोडमैप सामने आया है पीएफआई सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाता है और उसका इस्तेमाल समाज विरोधी और देश विरोधी प्रचार के लिए करता है.

PFI का ‘मिशन हिंदुस्तान’ डी-कोड

#केरल-तेलंगाना के बाद अब देश भर के युवा टारगेट पर

#ट्रेनिंग पाए 200 को दी थी अहम जिम्मेदारी
#सोशल वर्क के नाम पर धन बटोरकर देश विरोधी प्रचार करना
#मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल कॉलेज मदरसे के जरिये युवाओं का ब्रेनवॉश करना
#कट्टरपंथी विचारों के प्रसार के लिए रिक्रूटमेंट
#सर तन से जुदा विचारधारा के लिए फंडिंग या हिंसा जो भी करना पड़े वो पहली प्रायोरिटी
अलग-अलग विंग के जरिए एजेंसियों को झांसा देने की साजिश
स्लीपर सेल बनकर ऐसे रहना कि पकड़े जाने पर दूसरों तक ऐजेंसी ना पहुंच पाए

गिरफ्तार किए गए पीएफआई के कुछ लोगों को NIA के दिल्ली हेडक्वार्टर लाया जा सकता है  NIA  दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने देशभर में पीएफआई के खिलाफ जारी रेड को लेकर एनएसए, गृह सचिव और डीजी एनआईए के साथ बैठक भी की है.