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मुंबई में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के रहन-सहन की स्थिति पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने की चिंता व्यक्त

मुंबई में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के रहन-सहन की स्थिति पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने की चिंता व्यक्त

Updated on: 07 Jan 2022, 08:55 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मुंबई में झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के रहन-सहन की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में एक शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए आयोग ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।

महाराष्ट्र सरकार ने अपने मुख्य सचिव के माध्यम से आयोग को जवाब दिया है कि, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पीएमएवाई (यू) के तहत राज्य और केंद्र की सहायता से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को आवास इकाइयां उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए गए हैं और योजनाएं बनाई गई हैं। धन की कमी को एक बाधा के रूप में बताया गया है।

साथ ही केंद्र ने अपनी ओर से जवाब दिया है कि, महाराष्ट्र में 2.24 लाख घरों में से 2 लाख अकेले मुंबई के लिए स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 58225 का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

इसके अलावा आयोग ने व्यापक रिपोर्ट देने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव से भी जवाब मांगा है और उन्हें 4 हफ्ते का समय दिया गया है।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने अपने पिछले वर्ष 3 दिसंबर के पत्र के माध्यम से बताया कि भूमि और उपनिवेश राज्य के विषय हैं। केंद्र प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की आवास जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य के प्रयासों को बढ़ा रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.