Breaking News: पीएम मोदी को जी-7 समिट के लिए मिला न्योता, कनाडा के PM ने किया कॉल
डिनो मोरिया ऐसे जीते हैं लग्ज़री लाइफ? फिल्मों के अलावा यहां से पैसा कमाते हैं एक्टर
'राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग' से आदिवासी समाज के विकास में नया युग आरंभ : भारती प्रवीण पवार
फल्टन की नजर प्रो लीग के यूरोप चरण से विश्व कप में जगह बनाने पर
Coronavirus के नए मामलों ने 20 फीसदी का उछाल, इन राज्यों ने बढ़ा दिया टेंशन, क्या लगने वाला है लॉकडाउन
पेड़ों की कटाई के लिए दिल्ली सरकार ने जारी की नई SOP, जनसुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता
वाराणसी में लूट और छेड़छाड़ गैंग का भंडाफोड़, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पीए पर गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश : तकनीकी खराबी के कारण वायु सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर की सहारनपुर में इमरजेंसी लैंडिंग
Delhi: पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली सरकार ने जारी की नई एसओपी, जनसुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता

NGT ने 7 से 30 नवंबर तक पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बारे में केंद्र को भेजा नोटिस

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और चार राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के हित में सात से 30 नवंबर तक पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

author-image
Deepak Pandey
New Update
firecrackers

NGT ने पटाखों के इस्तेमाल पर रोक के बारे में केंद्र को भेजा नोटिस( Photo Credit : फाइल फोटो)

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और चार राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के हित में सात से 30 नवंबर तक पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली के पुलिस आयुक्त और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से उनका जवाब मांगा.

Advertisment

अधिकरण ने वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी और अधिवक्ता शिभानी घोष को इस मामले में न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया. अधिकरण ‘इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क’ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका संतोष गुप्ता के जरिये दाखिल की गई थी. याचिका में एनसीआर में पटाखों का इस्तेमाल कर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है.

इसमें कहा गया है कि बढ़ता प्रदूषण संवेदनशील समूह के लोगों को प्रभावित कर सकता है और मृत्यु दर बढ़ने की आशंका है. दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या 15 हजार प्रतिदिन होने की आशंका है और वर्तमान में मामलों की संख्या लगभग पांच हजार प्रतिदिन है.

याचिका में कहा गया है कि हरित पटाखों के इस्तेमाल से स्थिति का समाधान नहीं होगा. धुआं फैल जाएगा और गैस चैंबर जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इससे दृश्यता का स्तर खराब होगा और दम घुटने जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी. 

Source : Bhasha

NGT Guidelines Modi Government Firecrackers
      
Advertisment