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एनजीटी का बिल्डरों पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश पर पुनर्विचार से इनकार

अंसल बिल्डवेल लिमिटेड, आधारशिला टावर्स लिमिटेड और रिगोस एस्टेट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में कोई आधार नहीं है

Updated on: 16 Jul 2019, 10:09 PM

highlights

  • एनजीटी ने पुनर्विचार करने से किया इंकार
  • बिल्डरों पर लगाया 10 करोड़ का जुर्माना
  • सड़कों पर अतिक्रमण का लगाया था आरोप

ऩई दिल्ली:

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुड़गांव के तीन बिल्डरों पर पर्यावरण नियम तोड़ने के मामले में अपने आदेश पर पुनर्विचार से मंगलवार को इनकार कर दिया. अधिकरण ने बिल्डरों पर 10 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अंसल बिल्डवेल लिमिटेड, आधारशिला टावर्स लिमिटेड और रिगोस एस्टेट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में कोई आधार नहीं है.

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पीठ ने कहा कि अधिकरण द्वारा गठित समिति के निष्कर्षों और सिफारिशों के आधार पर आदेश दिया गया था, जिसने पाया है पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं ने विभिन्न विधानों का उल्लंघन किया है. यह फैसला गुड़गांव के सुशांत लोक 3 और 2 में रहने वाले राजेन्द्र कुमार गोयल, बाला यादव और अन्य लोगों की याचिका पर सुनाया गया .याचिका में उन्होंने बिल्डरों के अधिकारियों के साथ मिलकर हरे-भरे इलाके, पार्क के लिये खुले क्षेत्र और सड़कों आदि के अतिक्रमण का आरोप लगाया था.