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एनजीटी ने दिया आदेश अलग-अलग इकट्ठा करें कूड़ा, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर लगेगा 10 हजार रुपये का जुर्माना

सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर अब 10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा किया जाए।

सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर अब 10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा किया जाए।

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pradeep tripathi
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एनजीटी ने दिया आदेश अलग-अलग इकट्ठा करें कूड़ा, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर लगेगा 10 हजार रुपये का जुर्माना

सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने पर अब 10 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने साथ ही यह भी आदेश दिया है कि कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा किया जाए। 

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एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने चिंता जाताते हुए कहा कि शहरी ठोस कचरा (एमएसडब्ल्यू) देश को गंभीर रूप से प्रदूषित करता है, खासतौर पर दिल्ली इससे बहुत ज्यादा प्रभावित है। उन्होंने कहा कि सभी प्राधिकरण कानूनी जिम्मेदारी के तहत कूड़ा इकट्ठा करना सुनिश्चित करें।

एनजीटी ने कहा है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कानून, 2016 के मुताबिक कूड़ा लाया जाए और उसका निपटारा किया जाए, ताकि जनता के स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव न पड़े।

एनजीटी ने निगमों को निर्देश दिया है कि वे एक महीने में योजना बनाकर पेश करें। एनजीटी ने कहा है कि इसमें स्पष्ट रुप से बताया जाए कि जो लोग कचरे को अलग-अलग करके निगमों को सौंप रहे हैं, उन्हें किस तरह प्रोत्साहित किया जाएगा।

एनजीटी ने पूछा है कि क्या ऐसे लोगों को संपत्ति कर में छूट मिल सकती है? साथ ही जो लोग कचरा अलग-अलग करके नहीं दे रहे हैं, उनको सजा देने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

एनजीटी ने कहा कि मुख्य रुप से होटल, रेस्तरां, बूचड़खाना, सब्जी मंडी आदि हैं जहां से शहरी ठोस कचरा निकालता है। इन सभी को निगम ये निर्देश दे कि नियमों के तहत वे कचरे को एकत्र करें और उसके सुपुर्द करें। अगर इन आदेशों कका पालन नहीं किया जाता है और कूड़े को नालियों या सार्वजनिक स्थानों पर फेंका जाता है तो उसे पर्यावरणीय मुआवजा भरना होगा। ये मुआवज़ा हर मामले में 10,000 रुपये की होगी।

एनजीटी ने कहा कि यह बात साफ तौर पर समझ लेनी चाहिए कि प्रदूषण फैलाने वाले को हर्जाना भरना पड़ेगा। अगर कचरा निकल रहा है, तो संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि उसका उचित ढंग से निपटान किया जाए। पूरा बोझ सरकार या प्रशासन पर नहीं डाला जा सकता।

पीठ ने यह निर्देश दिल्ली में लैंडफिल साइटों के आस-पास की स्थिति के संबंध में दायर एक याचिका पर दिया है।

Source : News Nation Bureau

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