राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को स्थायी तौर पर बंद करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है. उसने प्रदेश सरकार के फैसले को नहीं टिकने वाला और अनुचित करार दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) को तीन सप्ताह के भीतर खतरनाक तत्वों के निपटान के लिए सहमति और अधिकृत करने के लिए ताजा आदेश देने को कहा.
हालांकि राज्य सरकार ने NGT के इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बनाया है. NGT ने हालांकि वेदांता समूह के इस प्लांट को मंजूरी दिलाने में कई सारी खामियां भी पाई है इसके बावजूद कोर्ट ने इसे फिर से शुरू करने की मंजूरी दी है. NGT ने तमिलनाडु प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड (TNPCB) को नए सिरे से प्लांट को शुरू करने संबंधित मंजूरी पत्र जारी करने को कहा है.
अधिकरण ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट इस्पात संयंत्र को बंद किए जाने के फैसले के खिलाफ कंपनी की अपील को स्वीकार कर लिया. तमिलनाडु सरकार ने इस साल 28 मई 2018 को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को खनन समूह के इस्पात संयंत्र को सील करने और ‘स्थायी’ तौर पर बंद करने का निर्देश दिया था.
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राज्य सरकार का कहना था कि इससे भूजल प्रदूषण बढ़ रहा है. इससे पहले तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई थी और तमिलनाडु सरकार बैकफुट पर आ गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने आनन-फानन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे.
Source : News Nation Bureau