राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पास अवैध खनन से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को देखते हुये एक आठ सदस्यीय पैनल का गठन किया है, जो दो माह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
एनजीटी ने वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव की अगुवाई में इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ पे कहा कि यह विशेषज्ञ समिति मौके पर जायेगी और अपनी कार्रवाई रिपोर्ट दो माह में सौंपेगी। इस समिति में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के निदेशक, खनन सचिव, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य के शामिल हैं।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के पास है, जहां दुर्लभ प्रजाति के घड़ियाल, कछुए डॉल्फिन आदि पाये जाते हैं। क्षेत्र में अवैध और अवैज्ञानिक तरीके से खनन के कारण प्रदूषण फैल रहा है, जिससे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। रेत खनन दिशानिर्देश 2016 और 2020 का उल्लंघन करके खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है।
विशेषज्ञ समिति के सदस्यों को कहा गया है कि वे सभी हितधारकों से बात करके कार्ययोजना बनायें, जिससे संरक्षित क्षेत्र में क्षतिपूर्ति के उपाय किये जा सकें।
समन्यवय और अनुपालना की नोडल एजेंसी राज्य प्रदूषण बोर्ड रहेगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS