Advertisment

एम्स : एसवाईएस ने किया विरोध प्रदर्शन, परियोजना कर्मचारी भर्ती दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग

एम्स : एसवाईएस ने किया विरोध प्रदर्शन, परियोजना कर्मचारी भर्ती दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग

author-image
IANS
New Update
NGT form

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अस्थायी आधार पर कार्यरत शोधकर्ताओं के लिए आधिकारिक प्रतिनिधि संस्था, सोसाइटी ऑफ यंग साइंटिस्ट्स (एसवाईएस) के सदस्यों ने प्रमुख संस्थान में प्रोजेक्ट स्टाफ भर्ती दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग करते हुए निदेशक कार्यालय के बाहर धरना दिया।

एसवाईएस के एक प्रतिनिधि ने नाम न बताने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, पूरा मामला पिछले महीने से शुरू हुआ जब परियोजना कर्मचारियों की भर्ती अचानक रोक दी गई। संस्थान में अधिकांश शोध विभिन्न परियोजनाओं के तहत किए जाते हैं। इन परियोजनाओं में शोधकर्ता, सह-शोधकर्ता और अनुसंधान सहायक कर्मचारी हैं जो अस्थायी व्यवस्था पर कार्यरत हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत छह साल बाद हम किसी भी परियोजना के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।

प्रतिनिधि ने कहा, यह नियमितीकरण की प्रथा को रोकने के लिए किया जा रहा है। हमने इस मुद्दे पर दोपहर 1 बजे से रात 8 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद निदेशक (एम्स) ने हमारे बीच 10 लोगों को बुलाया और एक बैठक की। उन्होंने दोहराया कि मंत्रालय ने कहा था कि वह इसे लागू करेगा, और वह आदेश से असहमत नहीं हो सकते।

एसवाईएस द्वारा एम्स निदेशक को संबोधित एक पत्र, जिसकी एक प्रति आईएएनएस के पास है, के अनुसार : वर्तमान में प्रस्तावित संशोधन केवल बेरोजगारी और प्रतिभा पलायन जैसी अधिक गंभीर समस्याओं को बढ़ा सकते हैं, जो लगातार राष्ट्रीय चिंता का विषय बने हुए हैं।

मौजूदा संशोधनों के विकल्प के रूप में, हम प्रस्तावित करते हैं कि एम्स, नई दिल्ली में 10 साल से अधिक समय से परियोजनाओं में काम कर रहे व्यक्तियों के लिए अदालत के निर्देशों का पालन किया जा सकता है। 10 साल से कम समय से परियोजनाओं में काम कर रहे व्यक्तियों के लिए, योग्य/योग्य उम्मीदवारों के लिए उचित अवसर सुनिश्चित किए जाने चाहिए।

वर्तमान में प्रस्तावित संशोधन निश्चित रूप से विज्ञान और अनुसंधान विरोधी हैं। इसके अलावा, यह 4,000 कर्मचारियों और उनके परिवारों की आजीविका को प्रभावित करेगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment