राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली में अनधिकृत औद्योगिक गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को निर्देश दिया कि वह शहर में प्रदूषण की समस्या को काबू में करने में अपनी विफलता के चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के पास 25 करोड़ रुपये जमा करे. सीपीसीबी द्वारा दायर एक रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए अधिकरण ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीन दिसम्बर, 2018 को दिये उसके आदेश के अनुसार 25 करोड़ रुपये जमा नहीं कराये हैं. हालांकि एक कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) दाखिल की गई है और यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आप सरकार को 25 करोड़ रुपये जमा करने और शीर्ष प्रदूषण निगरानी संस्था को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस संबंध में आगे कोई और चूक न हो. अधिकरण ने कहा, ‘हमें सूचित किया गया है कि प्रदूषण फैलाने पर जब्त किए गए 150 वाहनों को छोड़ने के लिए 6,40,000 रुपये की राशि बरामद की गई है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रदूषणकारी गतिविधियों को रोका गया है या नहीं.’
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अधिकरण ने दिल्ली के मुख्य सचिव को मामले की सुनवाई की अगली तिथि पांच अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा. अधिकरण मुंडका गांव निवासी सतीश कुमार और टीकरी-कलां निवासी महावीर सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि प्लास्टिक, चमड़ा, रबड़, मोटर इंजन तेल और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को जलाने और मुंडका तथा नीलवाल गांवों में कृषि भूमि पर इस तरह के पदार्थों का इस्तेमाल करने वाली अवैध औद्योगिक इकाइयों के संचालन के कारण प्रदूषण हो रहा है.
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HIGHLIGHTS
- AAP सरकार पर NGT का 25 करोड़ जुर्माना
- CPCB के पास जमा करे 25 करोड़ रुपये
- एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर किया जुर्माना