दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिये दिल्ली में शुरू की गई ऑड-ईवन योजना पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि ये फैसला किस आधार पर लिया गया है। साथ ही दिल्ली सरकार को दोपहर 2 बजे तक इस संबंध में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से प्रदूषण के कारण धुंध छाया हुआ है। इसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिये ऑड-ईवन योजना को एक बार फिर लागू कर रही है।
ऑड-ईवन योजना को लेकर ही एनजीटी ने दो बार लागू किये गए ऑड-ईवन योजना के दौरान शहर की हवा को लेकर रिपोर्ट मांगी है। केजरीवाल सरकार को दोपहर 2 बजे तक इस संबंध में रिपोर्ट पेश करनी है।
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने गुरुवार को ही ऑड-ईवन योजना को असफल करार दिया था। साथ ही उन्हें लगता है कि इस योजना से प्राइवेट कैब से जु़ड़ी कंपनियों को फायदा होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इसे लागू करने के पीछे मानसिकता अच्छी हो।
बढ़ते प्रदूषण पर एनजीटी ने गुरुवार को दिल्ली सरकार, नगर निगम, केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों की खिंचाई की है।
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ट्रिब्यूनल ने कहा कि उन्हें अस्पतालों में जाकर लोगों की हालत देखनी चाहिए कि कैसे उनकी ज़िंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। एनजीटी ने कहा, 'ये सभी के लिए शर्म की बात है। सबको सोचना चाहिए कि हम अगली पीढ़ी को क्या दे रहे हैं।'
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बार फिर 13 से 17 नवम्बर के बीच राजधानी में ऑड-ईवन नियम लागू करने का फैसला किया है। इस ऑड-ईवन के दायरे में टैक्सी-ऑटो को भी रखा गया है।
हालांकि, इस फैसले से दोपहिया और स्टीकर लगे सीएनजी गाड़ियों को छूट दी गई है। दिल्ली सरकार ने साथ ही कहा है कि ऑड-ईवन लागू होने के बाद सार्वजनिक परिवहन की समस्या निपटने के लिए और बसों का इंतजाम किया जा रहा है। डीएमआरसी भी 100 छोटी बसें चलाएगी।
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Source : News Nation Bureau