logo-image

राहुल की टीम में शामिल हो सकते हैं ये नाम, जानिए क्यों हैं खास

राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है। सभी कांग्रेस कार्यालयों में जश्न का महौल है। अब सभी के मन में एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि राहुल गांधी की टीम में कौन-कौन चेहरे शामिल हो सकते हैं।

Updated on: 11 Dec 2017, 08:48 PM

नई दिल्ली:

राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है। कांग्रेस की कमान में परिवर्तन होने के बाद अब सभी की नजरें राहुल गांधी की नई टीम पर टिक गई हैं।

अध्यक्ष बनने के बाद राहुल के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके टीम निर्माण को लेकर है। माना जा रहा है कि राहुल की टीम में अपेक्षाकृत नए चेहरे को जगह दी जा सकती है।

और पढ़ें: इन तीन चुनौतियों से निपटे बिना राहुल के लिए मुश्किल होगी डगर

राहुल की नई टीम के संभावित उम्मीदवार

अजय माकन:

अजय माकन पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं, और राहुल गांधी के नजदीकी भी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी उन्हें सचिव की जिम्मेदारी दे सकते हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट

ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और दीपेंद्र हुड्डा वह नाम हैं जिन पर राहुल गांधी नई पीढ़ी को लुभाने के लिए दांव खेल सकते हैं।

बता दें कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में जल्द ही चुनाव होने हैं ऐसे में ज्योतिरादित्य और सचिन की भूमिका अहम होगी। इनके अलावा नई राजनेताओं में जितेन प्रसाद और मिलिंद देवड़ा भी राहुल की टीम का हिस्सा बन सकते हैं।

और पढ़ें: कांग्रेस के प्रेसिडेंट बने राहुल गांधी, 16 दिसंबर को होगी ताजपोशी

दिव्या स्पंदना

हाल ही में कांग्रेस की सोशल मीडिया विंग की कमान संभालने वाली राम्या यानी दिव्या स्पंदना भी राहुल की कोर टीम में शामिल हो सकती हैं। उनके सोशल मीडिया संभालने के बाद राहुल की छवि में काफी सुधार हुआ है।

सुष्मिता देव और शर्मिष्ठा मुखर्जी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को भी राहुल की टीम में जगह मिल सकती है।

कनिष्क सिंह:

राहुल गांधी के ऑफिस में कौशल विद्यार्थी, अलंकार, सचिन राव और एसपीजी में काम कर चुके केबी बैजू शामिल हैं। इनके अलावा एक और नाम है कनिष्क सिंह जो कि फिलहाल ट्रस्ट का काम देख रहे हैं। इनमें से कोई भी राजनीति बैक ग्राउंड से नहीं है। इसी वजह से इनके राजनीतिक फैसले लेने की क्षमता भी संदेह के घेरे में है।

और पढ़ें: राहुल गांधी को मिली कांग्रेस की कमान, इन फैसलों में रहा अहम योगदान