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भारतीय सेना के कई शीर्ष पदों पर नए अधिकारियों ने संभाला कार्यभार

वाइस एडमिरल रवनीत सिंह ने मंगलवार को नौ सेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने वाइस एडमिरल एम. एस. पवार की जगह ली है, जो 31 मई को सेवानिवृत्त हुए हैं.

Updated on: 01 Jun 2021, 10:07 PM

highlights

  • कई प्रमुख पदों के खाली होने के बाद भारतीय सेना में बड़ा फेरबदल हुआ है
  • वाइस एडमिरल रवनीत सिंह 1 जुलाई 1983 को भारतीय नौ सेना में कमीशन किए गए थे
  • लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर ने असम राइफ्लस के महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला है

नई दिल्ली:

पिछले दो दिनों में सशस्त्र बलों के शीर्ष पदानुक्रम में कई बदलाव देखने को मिले हैं, जिनमें अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ, पूर्वी सेना कमांडर, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख और असम राइफल्स के महानिदेशक के पदों पर नई नियुक्ति शामिल है. कई प्रमुख पदों के खाली होने के बाद भारतीय सेना में बड़ा फेरबदल हुआ है. तदनुसार, वाइस एडमिरल रवनीत सिंह ने मंगलवार को नौ सेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने वाइस एडमिरल एम. एस. पवार की जगह ली है, जो 31 मई को सेवानिवृत्त हुए हैं. वाइस एडमिरल रवनीत सिंह 1 जुलाई 1983 को भारतीय नौ सेना में कमीशन किए गए थे. वह विमानन (एविएशन) में विशेषज्ञ हैं. फ्लैग ऑफिसर मास्टर ग्रीन इंस्ट्रुमेंट के साथ क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं. अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने एचटी-2, किरण एचजेटी 16, टीएस 11 इस्क्रा, हंटर, हैरियर जीआर 3, जेट प्रोवोस्ट, चेतक, गजेल, हॉक और मिग 29 केयूबी विमान उड़ाए हैं. उन्होंने अपने विशिष्ट नौसेना के करियर के दौरान विभिन्न चुनौतीपूर्ण स्टाफ, कमान और राजनयिक कार्यों को निभाया है और विभिन्न प्लेटफार्मों पर व्यापक अनुभव प्राप्त किया है. उन्होंने आईएनएस हिमगिरी, आईएनएस रणविजय, आईएनएस रणवीर, आईएनएएस 551बी, आईएनएएस 300 के साथ-साथ प्रमुख एयर बेस आईएनएस हंसा सहित विभिन्न फ्रंटलाइन जहाजों और नौसेना वायु स्क्वाड्रनों की कमान संभाली है. इसके अतिरिक्त उन्हें 2005 से 2008 तक भारतीय रक्षा सलाहकार (केन्या, तंजानिया और सेशेल्स) भी नियुक्त किया गया था. फ्लैग रैंक में पदोन्नत होने पर उन्होंने आईएचक्यू एमओडी (एन) में सहायक नियंत्रक वाहक परियोजना और सहायक नियंत्रक युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण, गोवा में फ्लैग ऑफिसर गोवा क्षेत्र/फ्लैग ऑफिसर नेवल एविएशन और मुंबई में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट के प्रमुख दायित्वों को संभाला है. वाइस एडमिरल के रैंक में फ्लैग ऑफिसर की प्रमुख नियुक्तियों में मुख्यालय पश्चिमी नौसेना कमान, मुंबई में चीफ ऑफ स्टाफ, डायरेक्टर जनरल प्रोजेक्ट सीबर्ड और आईएचक्यू एमओडी (एन) में कार्मिक प्रमुख शामिल हैं.

इस बीच असम राइफल्स को एक नया प्रमुख मिला है. लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर ने असम राइफ्लस के महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला है. प्रदीप चंद्रन नायर को असम राइफल्स और पूर्वोत्तर का समृद्ध अनुभव है, जो पहले असम राइफल्स में एक इंस्पेक्टर जनरल और एक कंपनी कमांडर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने एक ब्रिगेड कमांडर के रूप में असम राइफल्स बटालियन की कमान संभाली है. जनरल ऑफिसर को 1985 में सिख रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था. उनके पास सियाचिन ग्लेशियर और असम में अपनी बटालियन की कमान संभालने का काफी अनुभव है. उन्होंने इससे पहले नागालैंड में असम राइफल्स के महानिरीक्षक के रूप में कार्य किया था. नायर इन्फैंट्री स्कूल, महू, भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल, भूटान में प्रशिक्षक और प्रमुख रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में एक निर्देशन स्टाफ रहे हैं. उन्होंने सेना मुख्यालय में कर्नल, मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में काम किया है. उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में और रक्षा खुफिया एजेंसी में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ के रूप में भी काम किया है. भारतीय नौसेना में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कार्मिक प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने चीफ ऑफ मैटेरियल (सामग्री प्रमुख) का कार्यभार संभाल लिया. वहीं वाइस एडमिरल किरण देशमुख को नियंत्रक युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियुक्त किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कोलकाता स्थित भारतीय सेना की महत्वपूर्ण पूर्वी कमान संभाली, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्यभार संभाला.

वाइस एडमिरल संदीप नैथानी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवसला, पुणे के स्नातक हैं. उन्हें 1 जनवरी, 1985 को भारतीय नौसेना के इलेक्ट्रिकल शाखा में कमीशन प्राप्त हुआ था. उन्होंने आईआईटी, दिल्ली से रडार और संचार इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया है. वाइस एडमिरल ने नौसेना के अपने शानदार करिअर के दौरान विभिन्न चुनौतीपूर्ण पदों पर काम किया. उनका कार्यकाल साढ़े तीन दशक का रहा है. उन्होंने विमान वाहक पोत विराट पर कई तरह की जिम्मेदारियां निभाईं. उन्होंने मुंबई और विशाखापत्तनम के नौसेना गोदी में तथा नौसेना मुख्यालय में स्टाफ, कार्मिक और साजो-सामान शाखा में महत्वपूर्णपदों पर काम किया है. वाइस एडमिरल ने आईएनएस वालसुरा के प्रतिशिष्ठ इलेक्ट्रिकल प्रशिक्षण स्थापना की भी कमान संभाली है. उनकी शानदार सेवाओं के मद्देनजर वाइस एडमिरल को अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. भारतीय नौसेना में प्रमुख स्टाफ अधिकारी और वरिष्ठतम तकनीकी अधिकारी होने के नाते, वाइस एडमिरल को भारतीय नौसेना के हवाले से सभी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक, हथियार, सेंसर और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी उपकरण और प्रणालियों के रखरखाव, प्रबंधन और उपकरणों के काम करने की क्षमता व सीमा के बारे में जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके पास जहाजों और पनडुब्बियों से संबंधित सभी तकनीकी पक्षों और उपकरणों के स्वदेशीकरण की भी जिम्मेदारी है, ताकि प्रमुख नौसैनिक व तकनीकी बुनियादी ढांचा तैयार हो सके.