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H-1B वीजा की नई पॉलिसी से IT कंपनियों को हो सकता है तगड़ा नुकसान

अमेरिका द्वारा H-1B वीजा देने के लिए हाल में पॉलिसी में किए गए बदलाव से सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनियों (IT) को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है.

Updated on: 16 Jan 2019, 12:19 PM

बेंगलुरू:

अमेरिका द्वारा H-1B वीजा देने के लिए हाल में पॉलिसी में किए गए बदलाव से सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनियों (IT) को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. इस नई पॉलिसी के तहत ग्रैजुएट (Graduate) और उससे ऊपर की डिग्री रखने वालों को ही एच1बी वीजा के लिए प्राथमिकता देने का प्रस्ताव किया गया है, जिससे एच1बी वीजा पाने वालों की संख्या घट सकती है. यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज USCIS पहले 65,000 visa देने के लिए एक पूल बनाएगी और 20,000 बीजा highly skilled लोगों के लिए है.

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दिसंबर 2018 में यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS)ने एच1बी वीजा के लिए प्रकिया को उलटने और उसमें अडवांस डिग्री होल्डर्स को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव किया है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि इससे रेग्युलर ऐप्लिकेंट्स के लिए एच1बी वीजा पाने वालों की संख्या 10 फीसदी घट सकती है.रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऊंची सैलरी पर अमेरिकी उम्मीदवारों की भर्ती के साथ कमोडिटाइज्ड सर्विसेज पर प्राइसिंग प्रेशर, वेज इन्फ्लेशन और आय वृद्धि में कमी जैसे कारक आगे चलकर कंपनियों के मुनाफे पर नकारात्मक असर डालेंगे.

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कंपनियों के पास हालांकि ऐसे असर को कम करने के लिए दूसरे कारण हैं, लेकिन इसके बावजूद परिचालन लाभ के वित्त वर्ष 2017-18 के 22.1 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2020-21 में 20.8 फीसदी रहने की उम्मीद है.