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चीन में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन एवं सूत्र वाक्यों की गूंज सुनाई दी

चीन में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन एवं सूत्र वाक्यों की गूंज सुनाई दी

Updated on: 03 Oct 2021, 12:20 AM

बीजिंग:

चीन में भारतीय दूतावास में शानिवार यानि की आज महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन एवं सूत्र वाक्यों की गूंज सुनाई दी। यहां हर तबके के लोग आज भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की 152वीं जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए। भारत की आजादी में महात्मा गांधी के अभूतपूर्व योगदान को कोई नहीं भुला सकता।

महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाने के लिए चीन में भारतीय दूतावास ने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने सबसे पहले गांधी जी की तस्वीर पर फूल की माला चढ़ाकर उनको श्रद्धांजलि दी, और वहां उपस्थित जनों को संबोधित किया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी को पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा का प्रतीक माना जाता है। वे सत्य और अहिंसा की राह पर चलने वाले महात्मा थे। देश-दुनिया में आज भी उनके विचार जीवित हैं। उनका सम्मान पूरी दुनिया करती है।

उन्होंने आगे कहा कि गांधी जी 21वीं सदी में इतने प्रासंगिक क्यों हैं? क्योंकि गांधी जी की उपलब्धियां स्मारकीय थीं। उन्होंने जो लक्ष्य हासिल किए, उनमें से भारत की स्वतंत्रता, मानव इतिहास में पैमाने और दायरे में बेजोड़ थी और अब भी बनी हुई है।

राजदूत मिस्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जब कोई गांधी जी के कार्यों को पढ़ना शुरू करता है, तो कई प्रकार के संघर्षों से घिरी दुनिया में संघर्ष समाधान जैसे मुद्दों के लिए गांधीवादी शिक्षाओं की निरंतर प्रासंगिकता को तुरंत देखा जा सकता है; सर्वोदय का उनका दर्शन या सभी का बढ़ता कल्याण, भारत के वर्तमान फोकस के पीछे प्रेरणा है। विश्वास, पर्यावरण और एक स्थायी जीवन शैली के गुणों पर गांधी जी के विचार आज भी विशेष रूप से प्रासंगिक हैं।

इसके बाद, भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने चीन लोक गणराज्य की स्थापना की 72वीं वर्षगांठ के अवसर पर वहां उपस्थित लोगों को गोल्डन वीक की बहुत-बहुत शुभकामनाएं भी दी।

भारतीय दूतावास के स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में संगीत शिक्षक जयदेव मुखर्जी ने अपने शिष्यों के साथ गांधी जी का प्रसिद्ध भजन रघुपति राघव राजा राम सुनाया। उसके बाद, स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र में नृत्य शिक्षिका अमरजीत कौर ने गांधी जी की दैनिक प्रार्थना में गाया जाने वाला प्रसिद्ध भजन वैष्णव जन पर एक खूबसूरत नृत्य किया।

वहीं, चीनी विद्यालय ताछंग शिंगफू स्कूल के बच्चों ने अपने विद्यालय द्वारा संकलित गांधी जी के सबसे लोकप्रिय सूत्र वाक्यों का वर्णन किया। उन बच्चों ने लाल स्कार्फ के साथ सफेद कपड़े पहने हुए थे।

सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक, इतिहासकार डॉ. शोभना राधाकृष्णा ने वीडियो के माध्यम से उपस्थित जनों को गांधी जी की विचारधाराओं और सिद्धांतों से अवगत करवाया, और गांधी कथा सुनायी। उन्होंने कहा कि गांधी जी का मानवतावादी नजरिया बस भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए था। भारत के अलावा एशिया के कई और देशों पर भी गांधी जी का असर पड़ा है।

बता दें कि गांधी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 15 जून, 2007 को एक प्रस्ताव पारित कर दुनिया से यह आग्रह किया कि वह शांति और अहिंसा के विचार पर अमल करे और महात्मा गांधी के जन्म दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाए।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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