72वें चीनी राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या में भारत स्थित चीनी राजदूत सुन वेइतुंग ने आयोजित एक वीडियो सेमिनार में भाषण दिया।
उन्होंने कहा कि साल 2021 चीनी जनता के लिए बहुत विशेष साल है। इस वर्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ है। 1 जुलाई को राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने संजीदगी के साथ दुनिया के सामने घोषणा की कि चीन ने पहला शताब्दी लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, चीन की भूमि पर खुशहाल समाज का निर्माण पूरा हुआ। चीन ने ऐतिहासिक रूप से पूर्ण गरीबी की समस्या को हल किया है, और अब चीन आधुनिक और शक्तिशाली समाजवादी देश के निर्माण के दूसरे शताब्दी लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
राजदूत सुन ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास रास्ते पर आगे बढ़ता रहेगा, कभी आधिपत्य की तलाश नहीं करेगा, और कभी विस्तार भी नहीं करेगा। चीन समान विकास को जोरदार तरीके से बढ़ावा देता है, और महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। अब तक, चीन ने 100 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को 12 करोड़ टीके प्रदान किए, 150 से अधिक देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को महामारी विरोधी सामग्री सहायता प्रदान की है। चीन साल भर में विदेशों के लिए वैक्सीन की 2 अरब खुराकें उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा। कोवैक्स के लिए 10 करोड़ डॉलर दान करने के आधार पर इस वर्ष के भीतर विकासशील देशों को वैक्सीन की अन्य 10 करोड़ खुराकें दान करेगा। यह पूरी तरह से एक जिम्मेदार प्रमुख देश के रूप में चीन की जिम्मेदारी को दर्शाता है।
राजदूत सुन वेइतुंग ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, चीन और भारत सद्भाव में रहना और हाथ मिलाकर सहयोग करना, न केवल दुनिया में 40 प्रतिशत वाली जनसंख्या के भविष्य और कल्याण के लिए, बल्कि एशिया और दुनिया के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में चीन-भारत संबंधों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इससे चीन-भारत संबंधों के हमारे मूल निर्णय को नहीं बदलना चाहिए। हमें अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए। बातचीत और सहयोग को मजबूत कर चीन-भारत संबंधों को सही पटरी पर लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
सुन वेइतुंग ने यह भी कहा कि चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों की सही दिशा की ओर ले जाना चाहिए, आपसी लाभकारी सहयोग का विस्तार करना चाहिए, मतभेदों को अच्छी तरह से निपटारा करना चाहिए, और दोनों देशों के नागरिकों के बीच दोस्ती की नींव को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के प्रति चीन की ईमानदारी और सद्भावना है। साथ ही, इसके लिए दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों की भी आवश्यकता है। दोनों देशों को हाथ मिलाकर चीन-भारत संबंध को स्वस्थ स्थिर विकास के रास्ते पर वापस लौटाने के लिए कोशिश करनी चाहिए, ताकि दोनों देशों की जनता को लाभ मिल सके।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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Source : IANS