चीनी उप विदेश मंत्री श्ये फंग ने 26 जुलाई को थ्येनचिन शहर में अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन के साथ वार्ता की।
श्ये फंग ने कहा कि चीन-अमेरिका संबंधों के गतिरोध में फंसने और गंभीर कठिनाइयों का सामना करने का मूल कारण यह है कि अमेरिका में कुछ लोग चीन को काल्पनिक दुश्मन मानते हैं। उनका मकसद घरेलू राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज के प्रति अमेरिकी लोगों के असंतोष, तथा देश में गहरे संरचनात्मक अंतर्विरोधों को स्थानांतरित कर चीन पर थोपना है। हम अमेरिका से इस बेहद गलत सोच और बेहद खतरनाक चीन-नीति को बदलने का आग्रह करते हैं।
श्ये फंग ने कहा कि चीनी लोगों को स्पष्टत: मालूम है कि अमेरिका का प्रतिस्पर्धा, सहयोग और टकराव वाला उपाय चीन को रोकने और दबाने के लिए आंखों में धूल झोंकने वाला तरीका ही है। जब चीन की आवश्यकता होगी, तो सहयोग की आवश्यकता होगी। जिन क्षेत्रों में लाभ होगा, वह अपने लाभप्रद क्षेत्र में चीन को अलग कर देगा, आपूर्ति को बंद करेगा, और प्रतिबंध लगाएगा। चीन को बाधित करने के लिए वह संघर्ष और टकराव से नहीं हिचकिचाता है। अमेरिका केवल अपनी चिंता वाले मुद्दे का समाधान करने के साथ-साथ एकतरफा लाभ प्राप्त करना चाहता है।
चीनी उप विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के तथाकथित रखरखाव का अर्थ है कि वह खुद के और कुछ पश्चिमी देशों के पारिवारिक नियमों को अंतरराष्ट्रीय नियमों के रूप में पैकेज करके अन्य देशों को दबाना चाहता है।
मानवाधिकार मुद्दे की चर्चा करते हुए श्ये फंग ने कहा कि अमेरिका को अपने खुद के मानवाधिकार मुद्दे का अच्छी तरह से निपटारा करना चाहिए। ऐतिहासिक ²ष्टि से देखा जाए, तो उसने आदिवासियों के खिलाफ नरसंहार किया। यथार्थवादी ²ष्टिकोण से देखा जाए, तो कोरोना महामारी के नकारात्मक विरोध करने से देश में 6.2 लाख अमेरिकी लोग मारे गए। वैश्विक ²ष्टि से देखा जाए, अमेरिका द्वारा छेड़े गए युद्ध से दुनिया को गहरी विपत्ति पैदा हुई। तो आखिरकार अमेरिका वैश्विक लोकतंत्र और मानवाधिकार का प्रवक्ता होने का दावा क्यों करता है?
चीनी उप विदेश मंत्री श्ये फंग ने आगे कहा कि अमेरिका चीन में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में बात करने के योग्य नहीं है। यदि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मजबूत नेतृत्व नहीं होता, कोई प्रभावी राजनीतिक व्यवस्था नहीं होती, राष्ट्रीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त विकास पथ नहीं होता, और यदि लोग लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों से वंचित होते, तो चीनी लोग इतनी महान रचनात्मकता और बड़ी उत्पादकता कैसे प्राप्त कर पाते?
उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुनिया को एकजुट होने, सहयोग करने और एक दूसरे की मदद करने की जरूरत है। चीन अमेरिका के साथ एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करने, तथा मतभेदों को किनारे रखकर समानताओं की खोज करना चाहता है। एक स्वस्थ और स्थिर चीन-अमेरिका संबंध न केवल दोनों पक्षों के हितों से मेल खाते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की समान अभिलाषा भी है।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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Source : IANS