18 जुलाई को यूनेस्को ने वीडियो के माध्यम से 44वें विश्व विरासत सम्मेलन का आयोजन किया। इसके दौरान फूचो घोषणा पारित की गई। जिसमें विश्व विरासत संरक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को दोहराते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता भी जताई गई।
बताया जाता है कि फूचो घोषणा में कहा गया कि विश्व विरासत, सांस्कृतिक खजाने और प्राकृतिक खजाने के रूप में, सभ्यताओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, विश्व शांति और सतत विकास में सकारात्मक योगदान देती है। विभिन्न पारंपरिक और गैर-पारंपरिक चुनौतियों का ठीक से जवाब देना और विश्व विरासत की रक्षा करना सभी मानव जाति की सामान्य जिम्मेदारी है। इसके साथ बहुपक्षवाद के ढांचे के भीतर घनिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी और छोटे द्वीप विकासशील देशों के लिए समर्थन बढ़ाने और विश्व विरासत शिक्षा, ज्ञान साझा करने और नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग को मजबूत करने का आह्वान किया गया है।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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Source : IANS