5 दिसंबर को विश्व मृदा(मिट्टी) दिवस है । इस साल का मुख्य विषय है मिट्टी का खारापन रोककर मिट्टी की उत्पादक शक्ति उन्नत करना । मिट्टी में नमक की अधिकता पारिस्थितिकी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली मुख्य मृदा क्षरण प्रक्रिया है ,जो विश्व भर में कृषि व अनाज सुरक्षा और निरंतर विकास के लिए सबसे गंभीर सवालों में से एक है। अनुमान है कि विश्व में 83 करोड़ 30 लाख से अधिक हेक्टेयर भूमि खारेपन से प्रभावित है और नमक की अधिकता से हर साल 15 लाख से अधिक हेक्टेयर खेती में फसलें नहीं हो पाती हैं। अगर ऊपजाऊ जमीन अचानक बेकार हो जाय, तो किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जहां तक चीन की बात है ,तो खेती का लवणीकरण एक बड़ी चुनौती है। चीन आजकल मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने पर अधिक जोर दे रहा है।
खारी भूमि के क्षेत्रफल की रैंकिंग में चीन विश्व में तीसरे स्थान पर है। चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में चीन में खारेपन से प्रभावित खेतों का क्षेत्रफल लगभग 11करोड़ 40 लाख मू (एक मू लगभग 666.66 वर्गमीटर ) है, जिसमें पिछली सदी के अस्सी के दशक से 30 प्रतिशत इजाफा हुआ है। चीन में गुणवत्तापूर्ण खेतों का अनुपात सिर्फ 31.24 प्रतिशत है ,जबकि मध्यम व निचले स्तर वाले खेतों का अनुपात दो तिहाई से अधिक है। मिट्टी के क्षरण का एक मुख्य कारण नमक की अधिकता है।
मिट्टी के क्षरण और प्रदूषण की रोकथाम के लिए चीन ने वर्ष 2018 से देश भर में स्वच्छ मिट्टी की सुरक्षा नामक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान तीन बड़े कदम उठाये गये। पहला, ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र पर्यावरण के सुधार पर जोर देकर प्रदूषित जल व पदार्थ के निपटारे को मजबूत किया गया। दूसरा, खाद और कीटनाशकों की मात्रा घटाने के साथ उनकी कुशलता व प्रभाव की उन्नत की गयी। इसमें एक अहम काम ऑर्गेनिक खाद को लोकप्रिय बनाना है। तीसरा, जमीनी स्तर पर हरित तकनीक का प्रसार किया गया।
बड़ी कोशिशों के बाद चीन में मिट्टी के क्षरण को प्रारंभिक तौर पर रोका गया। खाद उपयोगिता दर और कीटनाशकों में बड़ी उन्नति नजर आयी है। अब देश भर में 55 करोड़ मू की खेती में ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग किया जाता है और उच्च गुणवत्ता तथा कम खतरे वाले कीटनाशकों का अनुपात 90 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। प्रदूषित खेतों और भूमि के सुरक्षित प्रयोग की दर 90 प्रतिशत से अधिक हो गयी है।
ध्यान रहे कि मिट्टी की गुणवत्ता सुधार में निर्णायक जीत हासिल करने के लिए चीन सरकार ने हाल ही में स्वच्छ मिट्टी की सुरक्षा अभियान को आगे बढ़ाने की मांग की है। उसने 6 पहलुओं में ठोस नीतियां बनायी हैं ,जिनमें गांवों में प्रदूषण दूर करने की लड़ाई जारी रखने ,कृषि योग्य जमीन के प्रदूषण व खारेपन के निपटारे को मजबूत करने के साथ-साथ नये प्रदूषित पदार्थों का सख्त प्रबंधन आदि शामिल है। चीन का लक्ष्य वर्ष 2025 तक मिट्टी के प्रदूषण और क्षरण को पूरी तरह नियंत्रण में करना है।
(वेइतुंग---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS