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चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान शनचओ-12 के तीन अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटेंगे

चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान शनचओ-12 के तीन अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटेंगे

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय के मुताबिक, पेइचिंग समय के अनुसार 16 सितबर को 8 बजकर 56 मिनट पर चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान शनचओ-12 को थ्येनह मुख्य केबिन से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। परियोजना के मुताबिक, 17 सितंबर को शनचओ-12 अंतरिक्षयान की वापसी केबिन चीन के डोंगफेंग लैंडिंग क्षेत्र में लैंडिंग करेगा और शनचो-12 अंतरिक्षयान के 3 चीनी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से मातृभूमि में वापस लौटेंगे।

अलग होने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों ने ग्राउंड तकनीशियनों की मदद में अंतरिक्ष स्टेशन विधानसभा की स्थिति सेटिंग, प्रयोग डेटा की सॉटिर्ंग व डाउनलोडिंग और कक्षा में रहने वाली शेष सामग्रियों की सफाई व स्थानांतरण आदि कार्य कर चुका है। वर्तमान तक 3 अंतरिक्ष यात्रियों ने 90 दिनों के लिये अंतरिक्ष यान में रह चुका है। यह चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के लिये एक ही मिशन में अंतरिक्ष में रहने के समयांतराल के बारे एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

इस 17 जून को शनचो-12 मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को ले जाने वाले लॉन्ग मार्च-2 एफ टेलीमेटरी-12 कैरियर रॉकेट को प्रज्वलित किया गया और च्यो छ्वान उपग्रह प्रक्षेपण सेंटर में लॉन्च किया गया। पेइचिंग समय के अनुसार 17 जून को दोपहर बाद 3 बजकर 54 मिनट पर शनचो-12 ने स्वायत्त फास्ट मिक्सिंग और डॉकिंग मोड से थ्येनह मुख्य कम्पार्टमेंट के साथ जोड़ दिया, जो इसके पूर्व थ्येनचो-2 मालवाहक अंतरिक्षयान के साथ जुड़ा था, तभी तीनों केबिनों का एक संयोजन कायम हुआ। ठीक उसी रात को तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने क्रमश: थ्येन-ह मुख्य केबिन में प्रवेश किया। इससे जाहिर हुआ है कि चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने पहली बार अपने अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया है।

इस मिशन में शनचो-12 को 5 मुख्य उपलब्धि प्राप्त हुई हैं। पहला, यह पहली बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान ने ऑटोनॉमस रैपिड मिलन और डॉकिंग पूरा किया। शनचो-12 ने अपनी कक्षा में प्रवेश करके सुचारू रूप से ऑन-ट्रैक स्थिति सेटिंग को पूरा किया। पेइचिंग समयानुसार 17 जून को दोपहर बाद तीन बजकर 54 मिनट पर ऑटोनॉमस रैपिड मिलन और डॉकिंग मोड को अपनाकर थ्येन-ह मुख्य केबिन के साथ सफलतापूर्वक डॉक किया गया। चीन द्वारा अनुसंधित एवं विकासित चिप और प्रणाली की बदौलत से डॉकिंग की सारी प्रक्रिया लगभग साढ़े छह घंटे चली। दूसरा, यह पहली बार है कि चीनी अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में लगभग 3 महीने के लिये काम करते और रहते हैं। इन तीन महीने में दैनिक प्रबंधन, केबिन के बाहर कार्रवाई, संबंधित काम और अंतरिक्ष प्रयोग आदि चार पक्षों के बारे में उन्होंने संबंधित मिशन पूरा कर चुका है।

तीसरा, यह पहला बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान में बहु-ऊंचाई होने वाले कक्षा से पृथ्वी में वापसी की क्षमता रखती है। चौथा, यह पहला बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान डोंगफेंग लैंडिंग क्षेत्र में लैंडिंग करेगा। पांचवां, यह पहला बार है कि लैडिंग के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की रक्षा के लिये वे भूमि और वायु के लिए विभिन्न आपातकालीन उपाय उठाएंगे।

हाल ही में चीन ने अंतरिक्ष और विमानन क्षेत्रों में रूस एवं भारत आदि ब्रिक्स देशों के प्रभारियों से ऑनलाइन बैठक की और महत्वपूर्ण सहयोग संगठनों पर हस्ताक्षर किया। भविष्य में ब्रिक्स देश अंतरिक्ष और विमानन क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करेंगे।

शनचओ-12 के बाद वर्ष 2011 और 2022 चीन 11 बार के अंतरिक्ष मिशन पूरा करेंगे। इनमें अंतरिक्ष स्टेशन के केबिन के लॉन्च के लिये 3 मिशन, अंतरिक्ष मालवाहक विमान के लॉन्च के लिये 4 मिशन और मानवयुक्त अंतरिक्षयान के लॉन्च के लिये 4 मिशन शामिल हैं।

केवल मुख्य प्रौद्योगिकी में असली रूप से महारत हासिल करने से चीन दूसरे देशों पर निर्भरता से मुक्त हो सकेगा। अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना चीन की एयरोस्पेस तकनीक दुनिया में सबसे आगे स्थल में आने का प्रतीक है। चीन पूरे दुनिया को अपनी क्षमता साबित कर रहा है। साथ ही चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने की इच्छा की पुष्टि की। भविष्य में चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ अंतरिक्ष सहयोग का एक नया युग आरंभ करेगा।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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