चीनी राज्य परिषद के दफ्तर ने 26 नवम्बर को नये युग में चीन-अफ्रीका सहयोग श्वेत पत्र जारी किया। इस श्वेत पत्र में कुल करीब 21 हजार शब्द हैं। प्रस्तावना, निष्कर्ष को छोड़कर कुल चार भाग शामिल हैं।
श्वेत पत्र में लिखा गया कि चीन विश्व में सबसे बड़ा विकासमान देश है। अफ्रीका सबसे ज्यादा विकासमान देशों का महाद्वीप है। बराबर इतिहास और समान ऐतिहासिक मिशन चीन और अफ्रीका को घनिष्ट रूप से जोड़ते हैं। चीन और अफ्रीका हमेशा ही साझे भाग्य वाला समुदाय रहा है। अफ्रीकी देशों के साथ एकता और सहयोग का विकास करना चीन की विदेश नीति का अहम मील का पत्थर है, साथ ही चीन का चिरस्थायी सामरिक विकल्प भी है।
श्वेत पत्र में कहा गया कि चीन और अफ्रीका एक दूसरे पर पूरा विश्वास करते हैं। दोनों की मैत्री पत्थर की तरह मजबूत रही है। चीन द्विपक्षीय राजनीतिक आपसी विश्वास को निरंतर मजबूत करता रहा है, विभिन्न क्षेत्रों में यथार्थ सहयोग को गहरा करता रहा है। दोनों के मैत्रीपूर्ण संबंध आधी सदी के परीक्षण में खड़ा हुआ है। महामारी के सामने चीन और अफ्रीका हाथ मिलाकर निपटारा करते हैं।
श्वेत पत्र में कहा गया कि हाल में वैश्विक प्रशासन प्रणाली और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में सुधार तेजी से आगे विकसित होता रहा है। चीन और अफ्रीका परम्परागत मैत्री को गहरा करते रहेंगे, आपसी लाभ और सहयोग को आगे विकसित करेंगे। दोनों पक्ष चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की नेतृत्व भूमिका अदाकर बेल्ट एंड रोड के निर्माण को आगे विकसित करेंगे और द्विपक्षीय तमाम सामरिक सहयोग साझेदारी संबंधों को और ऊंचे स्तर और विस्तृत रूप से आगे विकसित करेंगे, ताकि दोनों के लिए और सुन्दर भविष्य की रचना कर सकें।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप , पेइचिंग)
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Source : IANS