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चीन: कुशल शासन के पीछे क्या रहस्य है?

चीन: कुशल शासन के पीछे क्या रहस्य है?

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, विश्व मंच पर सबसे अधिक ध्यान देने योग्य परिवर्तन है चीन का उदय। चीन लोक गणराज्य की स्थापना की शुरूआत से अभी तक, चीन एक पिछड़े देश से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। साथ ही दुनिया की तकनीक शिखर पर पहुंचने की प्रक्रिया में है। हालांकि, चीन की विकास उपलब्धियों के सामने, पश्चिमी समाज ने हमेशा संदेह और गलतफहमियों को पनाह दी है। उन में कुछ लोग चीन के आर्थिक चमत्कार के कारणों को खोजने की कोशिश करते नहीं, पर अन्धाधुंध तौर पर अफवाहों को विश्वास करते रहे हैं।

पिछले 40 वर्षों में, चीन ने इतिहास में अभूतपूर्व आर्थिक सुधार किए हैं, फिर भी चीन में राजनीतिक स्थिरता बनी हुई है। चीन में प्राचीन काल से ही सक्ष्म अधिकारियों की राजनीति का समर्थन किया जाता था। अर्थात, नैतिकता और सक्ष्मता वालों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया जाना चाहिये। अधिकारियों की नियुक्ति किसी उम्मीदवारों के बयानबाजी के मुताबिक नहीं, बल्कि उनके शैक्षिक अनुभव, कार्य अनुभव और राजनीतिक उपलब्धियों के आधार पर निश्चित किया जाता है। चीन के अधिकारियों को बुनियादी इकाइयों में काम करने का अनुभव होना पड़ता है। उन्हें आम लोगों के जीवन और समाज की स्थितियों के प्रति अच्छी समझ प्राप्त होनी पड़ती है। साथ ही तकनीकी अधिकारियों के पास भी पेशेवर क्षमताएं भी होनी चाहिए। जो सरकार द्वारा तकनीकी विकास, जलवायु प्रतिक्रिया और कूटनीतिक रणनीतियों जैसी जटिल नीतियां तैयार की जाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

पश्चिमी राजनेता हमेशा लोकतंत्र का ढोल पीट रहे हैं। हालांकि, लोकतंत्र का सार लोगों की इच्छा और हितों को महसूस करना है। कुछ पश्चिमी एक्सपर्ट को विश्वास है कि मतदान सबकुछ तय कर सकेगा। हालाँकि तथ्य यह है कि पश्चिमी लोकतंत्र को लागू करने वाले देश अक्सर राजनीतिक दलदल में फंस जाते हैं। राजनीतिक दलों के स्वार्थ को हमेशा राष्ट्रीय हितों के ऊपर रखा जा रहा है। निर्वाचित नेताओं के पास अपने वादों को पूरा करने की क्षमता बिल्कुल नहीं है।जब उन्होंने देश को गड़बड़ी में डाल दिया हो, तो मतदाताओं को फिर एक महंगा चुनाव शुरू करना पड़ेगा और नवनिर्वाचित नेता अपने पूर्ववर्ती के अनुभव को दोहराएगा। सक्ष्म व्यक्तियों का चयन करना प्राचीन काल से मानव समाज की सार्वभौमिक उम्मीद थी, लेकिन पश्चिमी लोकतंत्र के तहत, मतदाता वोट देने के बाद राजनेताओं के आचरण और व्यवहार को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। उधर चीनी जन प्रतिनिधि सभा की प्रणाली सर्वोच्च अधिकार हमेशा जनता के हाथ में होने की गारंटी कर सकती है। अधिकारियों के मूल्यांकन और चयन की व्यवस्था से यह निश्चित है कि सर्वश्रेष्ठ लोग सबसे उपयुक्त पदों पर रह सकें।

तथ्यों ने चीन की राजनीतिक व्यवस्था के फायदे साबित कर दिए हैं। चीन में सभी सरकारी अधिकारियों को समृद्ध शासन अनुभव है। अगर जिनके पास कोई राजनीतिक प्रतिभा नहीं है, उन्हें सिर्फ उनकी बढ़ा-चढ़ा बयानबाजि़यों के कारण नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, चीनी अधिकारियों को चुनाव अभियान में बहुत अधिक समय खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। वे राजनीतिक चिंताओं के बिना दीर्घकालिक योजना बना सकते हैं, इस प्रकार अपना समय उन नीतियों को तैयार करने के लिए समर्पित कर सकते हैं जो लोगों के लिए फायदेमंद हैं। हालाँकि, चीन की प्रणाली लोकतंत्र का विरोध नहीं करती है। सभी नेताओं को अभी भी विभिन्न स्तरों पर मूल्यांकन का सामना करना पड़ता है। जो काम करने में असक्षम हैं, वे चयनों की प्रणाली की परीक्षा से पारित नहीं हो सकेंगे। साथ ही, भ्रष्ट राजनेताओं के लिए कानूनी दंड से भाग लेना मुश्किल है। सक्षम अधिकारियों के चयन और नियुक्ति की प्रणाली लोकमत पर्यवेक्षण के साथ अच्छी तरह से एकीकृत है, जो चीन के कुशल शासन करने का सार ही है।

कुछ पश्चिमी लोगों को चीन के बारे में गहरी गलतफहमी है। वे मानते हैं कि चीन की केवल वन पार्टी सिस्टम होती है। दरअसल, चीन का शासन ढांचा भी एक दूसरे को प्रतिबंधित करता है, और संयुक्त निर्णय लेता है। चीन में न केवल जन प्रतिनिधि सभा की व्यवस्था है, बल्कि जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की प्रणाली भी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में एक बहुदलीय सहयोग प्रणाली भी है। चीनी अधिकारियों का अधिकार असीमित नहीं है। पर्यवेक्षण एजेंसियां और जनमत किसी भी समय अधिकारियों के कार्यों की निगरानी करते हैं, ताकि सरकार कुशल और स्वच्छ शासन बनाए रखे। उधर चीन जैसे जटिल वातावरण में, केवल एक मजबूत केंद्र सरकार ही विभिन्न क्षेत्रों के विकास का समन्वय कर सकती है, न कि कुछ क्षेत्रों के विकास के समय अन्य क्षेत्रों की गिरावट होती रही। उदाहरण के लिए, पूर्वी चीन के विकसित प्रांत और शहर तिब्बत और शीनच्यांग के एक एक क्षेत्रों को विकास सहायता प्रदान करते हैं। पश्चिम में ऐसी व्यवस्था अकल्पनीय है। इसका परिणाम पूरे समाज में समन्वित विकास और निष्पक्षता प्राप्त करना है।

किसी भी राजनीतिक व्यवस्था का मूल्यांकन करने के लिए सबसे विश्वसनीय है तथ्य। 70 से अधिक वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, चीन एक गरीब देश से विकसित समाज में चला गया है। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष चीन का जीडीपी पूरे यूरोपीय संघ से अधिक हो जाएगा, और प्रति व्यक्ति के लिए जीडीपी विश्व औसत से पार कर 12,000 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। चीन ने इस सदी के मध्य तक पश्चिम से आगे जा पहुंचने का एक भव्य लक्ष्य भी निर्धारित किया है। यदि हम चीन के कुशल शासन मॉडल के रहस्य को समझना चाहते हों, तो हमें चीन की राजनीतिक व्यवस्था का निष्पक्ष मूल्यांकन करना चाहिए।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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Source : IANS

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