वैसे तो चीन में अन्य देशों के मुकाबले अपराध दर बेहद कम है। इसकी वजह आम तौर पर लोगों का शांति प्रिय होना, कानून का पालन करना और अपराधियों को होने वाली कड़ी सजा माना जा सकता है। हालांकि जो कुछ अपराध की घटनाएं सामने आती हैं, उन से भी संबंधित सुरक्षा विभाग सख्ती से निपटते हैं। इनमें बच्चों को नुकसान पहुंचाने और उनके साथ होने वाली यौन उत्पीड़न की घटनाएं शामिल हैं। बताया जाता है कि चीन के सर्वोच्च जन प्रोक्यूरेटोरेट ने इस बारे में कोई भी ढिलाई न बरतने का आदेश दिया है।
कहा गया है कि हाल के वर्षो में अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये का असर सामने दिखा है। इसके चलते पिछले दो सालों में 5,358 मामले सामने आए हैं, जिनमें बच्चों को नुकसान पहुंचाया गया था। बताया गया है कि बच्चों के साथ घटना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सर्वोच्च जन प्रोक्यूरटोरेट ने यह व्यवस्था स्थापित की, जिसके तहत विभिन्न विभागों के साथ मिलकर मासूम बच्चों की सुरक्षा करने की बात की गयी। इसमें स्पष्ट तौर पर जोर दिया गया कि बच्चों के साथ होने वाली छेड़खानी या छोटी से छोटी घटना पर भी उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज हो। साथ ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाय।
इन मामलों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध अपराधों को उजागर करने और अपराध से लड़ने और रोकने में मदद करने में इस व्यवस्था और सख्ती ने अहम भूमिका निभाई है। उनके अनुसार वर्ष 2022 में दो साल पहले के मुकाबले बच्चों से जुड़े मामलों में रिपोर्ट करने की संख्या 1.6 गुना बढ़ चुकी है। इससे साबित होता है कि लोगों का इस व्यवस्था पर विश्वास है। उन्हें लगता है कि अगर वे सामने आकर शिकायत दर्ज कराएंगे तो अपराधी को सजा मिल पाएगी।
बताया जाता है कि इस तरह के बच्चों के ज्यादातर मामले ?ौन उत्पीड़न से जुड़े हुए हैं। लगभग 90 फीसदी मामले इसी तरह के थे, जो पहले सामने नहीं आते थे या उनके परिजन या जानकार शिकायत दर्ज कराने में घबराते थे। लेकिन अब माहौल बदल चुका है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में ऐसे 504 लोगों को जवाबदेह ठहराया गया, जो बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं या खतरों को सामने नहीं लाए। उच्च स्तर से अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए गए हैं ऐसे मामलों से सही ढंग से निपटने के लिए विभिन्न विभाग आपस में आदान-प्रदान व संचार बढ़ाएं। साथ ही हर जगह इस की प्रणाली कायम हो कि बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना सामने आने पर सीधे शिकायत दर्ज की जा सके। विशेषकर होटलों को इस मामले पर सहयोग करने को कहा गया है।
इतना ही नहीं 14 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार किए जाने या उनका मानसिक शारीरिक शोषण होने पर कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। जिसमें आजीवन कारावास या मौत की सजा आदि शामिल है।
कहा जा सकता है कि चीन में यौन अपराधों को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं। यही वजह है कि अपराधियों के मन में कानून का डर व्याप्त रहता है।
(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
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Source : IANS